इंटरनेट ‘वरदान’ या ‘अभिशाप’ हिंदी निबंध

इंटरनेट के बिना दुनिया के सारे काम रुक जाएंगे। आज के समय में इंटरनेट जैसा शक्तिशाली संचार  माध्यम नहीं है। इंटरनेट के सहारे हम अपने अनगिनत काम कर सकते है। इंटरनेट द्वारा हम कॉल कर सकते है और अपने परिजनों से जब चाहे  बात कर सकते है।  इंटरनेट ने सभी क्षेत्रों के काम को आसान कर दिया है।  इंटरनेट के बिना हम अपने जीवन की कल्पना तक नहीं कर सकते है। इंटरनेट ने जीवन के प्रत्येक क्षेत्रों में योगदान दिया है।  कोरोना संकटकाल में इंटरनेट ने कई दफतरो के काम , पैसो के लेन  देन और शिक्षा के क्षेत्र में योगदान दिया।

इंटरनेट का कनेक्शन जब कंप्यूटर के साथ जुड़ता है तो वह और अधिक फायदेमंद साबित हो जाता है। इंटरनेट द्वारा किसी भी तरह के सूचना का आदान प्रदान किया जा सकता है। इंटरनेट अब तक का सबसे बेहतरीन अविष्कार है जिसने मनुष्य के जीवन का स्वरुप बदल कर रख दिया है। इंटरनेट ने विश्वविद्यालय , विद्यालय और सभी संस्थानों के कार्य को सरल बना दिया है। आजकल लोगो को अपने व्यापार संबंधित कार्य करने के लिए बाहर मुलाकातें करने की ज़रूरतें नहीं है।  वह आसानी से इंटरनेट द्वारा वीडियो कॉन्फरेंसिंग कॉल , स्काइप , गूगल मीट से संपर्क साध सकते है।

इंटरनेट मनुष्य के लिए  वरदान है

इंटरनेट हमारे लिए वरदान से कम नहीं है।  आजकल विद्यार्थी कहीं से भी शिक्षा प्राप्त कर सकते है। यह इंटरनेट के कारण संभव हो पाया है। आजकल विद्यार्थी ऑनलाइन शिक्षा के माध्यम से किसी भी लोकप्रिय शिक्षा संस्थान से  शिक्षा प्राप्त  कर सकते है। इंटरनेट की स्पीड जितनी अधिक होती है , काम करने में उतनी ही सुविधा होती है।

इंटरनेट द्वारा किसी भी मरीज़ का रिकॉर्ड आजकल सरलता से प्राप्त हो जाता है। इससे चिकित्सा में आसानी  होती है। अगर कोई चिकित्सक विदेश में रहता है तो इंटरनेट के ज़रिये उनसे सलाह लिया जा सकता है। इंटरनेट द्वारा हम किसी भी तरह की जानकारी हासिल कर सकते है।

आजकल समाचार प्राप्त करने के लिए आपको अखबारो और मैगज़ीन के आने का इंतज़ार करने की ज़रूरत नहीं है।  बस आप जर्नल और समाचार  पत्र को गूगल पर टाइप करे ,आपके सामने वह पेज खुल जाएगा। आप आसानी से फिर उसे पढ़ सकते है। विद्यार्थियों को अपने प्रतियोगी परीक्षा या बोर्ड इत्यादि परीक्षा का परिणाम जानना है , तो वह इंटरनेट के माध्यम से जान सकते है।

इंटरनेट द्वारा बैंकिंग संबंधित  कार्य आसान हो गए है।  आजकल लोग  उत्पादों को खरीदने के लिए नेट बैंकिंग का उपयोग करते है।  ऑनलाइन पेमेंट जैसे गूगल पेय , पेय टीएम , फ़ोन पेय इत्यादि ऐप्प्स का इस्तेमाल किया जाता है। यह सारे पेमेंट ऐप्प सुरक्षित है।  बहुत ही कम समय में घर बैठकर लोग इंटरनेट की मदद से खरीदारी कर सकते है। इंटरनेट बैंकिंग की मदद से पैसा जमा करना , पैसे ट्रांसफर , मोबाइल रिचार्ज इत्यादि कार्य घर बैठे सरलता से हो जाते है। लोग इसलिए नेट बैंकिंग की सुविधा का भरपूर लाभ उठा रहे है। इंटरनेट के कारण इ कॉमर्स व्यवसाय को बहुत बढ़ावा मिला है। सबसे लोकप्रिय इ कॉमर्स कंपनी है फ्लिपकार्ट और अमेज़न।

इंटरनेट सिर्फ कंप्यूटर पर ही नहीं बल्कि मोबाइल के साथ जुड़कर भी फायदेमंद होता है। मोबाइल पर कई सारे ऐप्प्स  मौजूद है। आजकल एंड्राइड मोबाइल की सहायता से हर वह काम किया जा सकता है , जो लोग कंप्यूटर पर करते है। मोबाइल से जब इंटरनेट जुड़ जाता है तो कई प्रकार के कार्य चुटकियों में कर सकता है। लोग मोबाइल और इंटरनेट के ज़रिये व्यापार कर सकते है। कंपनियों ने कई तरह के विशेष ऐप्स को मोबाइल में डिज़ाइन किया है जैसे  शॉपिंग ऐप से लेकर रिचार्ज और पेमेंट ऐप इत्यादि।  जो कार्य पहले कंप्यूटर इंटरनेट द्वारा संभव था , अब एंड्राइड मोबाइल के एक क्लिक से आसान हो गया है। यह सब इंटरनेट की देन है।

इंटरनेट मनोरंजन का माध्यम भी है।  अब  हम ऑनलाइन गाने , सीरियल  और मूवीज सुन और देख सकते है। सोशल मीडिया आज के ज़माने में सबसे लोकप्रिय माध्यम है।  इसके ज़रिये  हम अपने विचारो को लोगो तक पहुंचा सकते है और विभिन्न पोस्ट करके अपने दोस्तों के साथ जुड़ सकते है।  फेसबुक , इंस्टाग्राम इत्यादि नामचीन सोशल मीडिया ऐप है।  इंटरनेट के ज़रिये हम वीडियो गेम इत्यादि खेल सकते है। इंटरनेट द्वारा लोग फ्रींलैंसिंग करके अपना रोजगार कर रहे है।  ऑनलाइन कई प्रकार के कार्य करके वह घर बैठे पैसे कमा सकते है।

इंटरनेट  एक बेहतरीन संचार का साधन है।  इंटरनेट के द्वारा हम चंद सेकण्ड्स में मेल करके सन्देश भेज सकते है। किसी प्रकार की कोई मीटिंग है वह इंटरनेट  द्वारा  की जा सकती है।  व्हाट्सप्प लाखो लोग इस्तेमाल कर रहे है।  इससे सन्देश भेजना  , कॉल और वीडियो कॉल आसानी से किया जा सकता है।  फेसबुक चैट और वीडियो कालिंग भी लोग आये दिन करते है।

इंटरनेट के माध्यम से बुकिंग करना सरल हो गया है।  पहले बुकिंग करने के लिए उस स्थान पर पहुंचना ज़रूरी होता था। आज इंटरनेट के माध्यम से ऑनलाइन घर पर बैठ कर आप हवाई , रेल , बस यात्रा और होटल के टिकट बुक कर सकते है।

इंटरनेट के दुष्प्रभाव

इंटरनेट के ज़रिये आज कल लोग मित्रता करते है। कुछ लोग आजकल बिना सोचे समझे अपनी निजी चीज़ें साझा करते है और बाद में चलकर बैकमैलिंग जैसे अपराध सामने आते है।  इससे कई लोगो को परेशानी होती है और इससे मानसिक तौर पर तनाव उतपन्न होता है। इंटरनेट की लत युवाओ और बच्चो को ज़्यादा हो जाती है।  इससे उनके पढ़ाई पर असर पड़ता है।  उनका मन हमेशा फ़ोन की तरफ रहता है।  बच्चे इंटरनेट पर गेम्स खेलते है और कार्टून इत्यादि देखते है। इससे उनकी एकाग्रता पर बुरा प्रभाव पड़ता है। उनका ध्यान पढ़ाई पर कम बल्कि इंटरनेट वीडियो गेम्स पर ज़्यादा रहता है।  कई बार इंटरनेट पर कोई स्टंट बच्चे देख लेते है और उसकी  नक़ल करने की चेष्टा में अपने आपको तकलीफ पहुंचा लेते है।

इंटरनेट पर हमेशा डाटा चोरी का खतरा बना रहता है।  कई कंपनियों का प्रत्येक वर्ष डाटा चोरी होता है। इससे करोड़ो रूपए का नुकसान होता है। डाटा चोरी से बचने के लिए हर साल उपाय किये जाते है। मगर डाटा चोरी की समस्या अब भी बनी हुयी है। इंटरनेट पर कई तरह की गैरकानूनी अपराध हो रहे है। आंतकवाद संबंधित गैरकानूनी सूचना देने के लिए इंटरनेट का उपयोग किया जाता है।

इंटरनेट का उपयोग करके लोग निजी जानकारी प्राप्त करके कुछ लोग  पैसे लूट लेते है । देश की सुरक्षा व्यवस्था को गैर कानूनी तौर पर जानने के लिए इंटरनेट का उपयोग बाहर देश में रहने वाले  जासूस करते है। इंटरनेट पर ज़रूरी दस्तावेज़ों की चोरी आये दिन होती रहती है।  ऐसे अपराध बेहद खतरनाक होते है।

इंटरनेट पर बच्चे और कई बार युवा भी लगातार वीडियो गेम खेलते रहते है। अगर वह गेम से आउट हो जाए तो वह परेशान और चिड़चिड़े  हो जाते है।  इंटरनेट पर अश्लील  चीज़ें बेचकर कई लालची लोग पैसे कमा रहे है। इससे बच्चो और युवाओ पर दुष्प्रभाव पड़ता है। अश्लील चीज़ों को इंटरनेट पर प्रतिबन्ध लगाने की ज़रूरत है।

इंटरनेट के आ जाने पर लोग सोशल मीडिया पर दोस्त बनाने में ज़्यादा व्यस्त रहते है और अपनों को समय नहीं देते है।  इंटरनेट पर ज़्यादातर लोग सक्रीय रहते है और अपने खाली समय में इंटरनेट पर ही वक़्त बिताते है। सोशल मीडिया जगत में खोये रहते है और इसलिए परिवार से दूर हो जाते है।  उनके व्यवहार में परिवर्तन देखने को मिलता है।

आजकल बच्चे बाहर जाकर खेलने से अधिक मोबाइल में वीडियो गेम खेलना ज़्यादा पसंद करते है।  इससे उनके स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है। अधिकतर समय इंटरनेट चलाते रहते है और समय की बर्बादी भी होती है।

जैसे एक सिक्के के दो पहलु होते है। वैसे इंटरनेट के फायदे और नुकसान दोनों है।   इंटरनेट के बिना हम अपने जीवन की कल्पना तक नहीं कर सकते है। इंटरनेट की वजह से दुनिया ने तरक्की कर ली है और लोगो के दैनिक कार्य भी सरल हो गए है।  इंटरनेट को सीमित मात्रा में अर्थात जितना ज़रूरत हो उतना ही उपयोग करना चाहिए वरना इसके दुष्परिणाम देखे जा सकते है। इंटरनेट विज्ञान द्वारा दिया गया लाजवाब  आविष्कार है।  इंटरनेट का सही इस्तेमाल मनुष्य को अच्छे राह पर ले जाएगा। इंटरनेट का उपयोग मनुष्य को सदैव सोच समझकर करना चाहिए।

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इंटरनेट वरदान या अभिशाप निबंध Internet ki duniya essay in hindi

Internet ki duniya essay in hindi.

इंटरनेट की उपयोगिता पर निबंध-दोस्तों कैसे हैं आप सभी,दोस्तों आज का हमारा आर्टिकल इंटरनेट वरदान या अभिशाप पर निबंध आप सभी के लिए बहुत ही हेल्पफुल है दोस्तों जैसे की हम सभी जानते हैं कि इंटरनेट आज के युग की आवश्यकता है वह सबसे ज्यादा उपयोगी है एक तरह से इंटरनेट आज के आधुनिक युग के लिए वरदान है दूसरी तरफ इंटरनेट की वजह से बहुत सारे नुकसान भी हो सकते हैं इसका बड़ा ही दुष्प्रभाव भी होता है

Internet ki duniya essay in hindi

आज हम इसी को देखते हुए इंटरनेट पर निबंध लिखने वाले हैं आजकल स्कूल-कॉलेजों में वरदान या अभिशाप पर निबंध भी लिखने को दिया जा सकता है विद्यार्थी निबंध लिखने के लिए अपने ज्ञान को बढ़ाने के लिए यहां से जानकारी ले सकते हैं यह निबंध आपकी जरूर ही हेल्प करेगा और साथ में इंटरनेट के वरदान और अभिशाप के बारे में आपको जानकारी बता कर आपको किसी भी प्रॉब्लम में आने से बचा सकेगा तो चलिए पढ़ते हैं हमारे आज के इस निबंध

प्रस्तावना-

हर किसी के मोबाइल में इंटरनेट चलता है हमारे जीवन में इंटरनेट वरदान या अभिशाप के रूप में है एक तरफ देखें तो इससे बहुत सारे फायदे हैं वही बहुत से नुकसान भी हैं इंटरनेट के बारे में कहना बिल्कुल भी गलत नहीं है की इस आधुनिक युग में इंटरनेट एक ऐसा वरदान है जिससे आजकल बहुत सारे काम होते हैं हमें इंटरनेट की उपयोगिता को समझना चाहिए और इसका लाभ भी उठाना चाहिए लेकिन इंटरनेट से नुकसान भी है हमें इंटरनेट की लत लगने से बचना चाहिए

इंटरनेट की उपयोगिता वरदान के रूप में-

आज हम देखें इंटरनेट एक वरदान के रूप में हमारे सामने हैं बच्चे,बूढ़े,नौजवान सभी आज इंटरनेट का लुफ्त उठाते हैं आजकल मोबाइल में भी इंटरनेट चलने लगा है जिस वजह से लोगों को बहुत सारे लाभ मिले हैं वह जिस तरह की भी जानकारी लेना चाहे इंटरनेट से तुरंत जानकारी सर्च करके ले सकते हैं साथ में अपना मनोरंजन भी कर सकते हैं और इंटरनेट के जरिए कोई भी अपने दोस्तों,रिश्तेदारों,अपने परिवार वालों से वीडियो कॉलिंग या चैटिंग के जरिए बात कर सकते हैं और उनके संपर्क में रहकर खुश रह सकते हैं इंटरनेट के जरिए हम अपने दोस्तों रिश्तेदारों तक अपनी बात शेयर करके लोगों को जागरुक कर सकते हैं.

इंटरनेट एक बहुत बड़ी मुहिम भी बन सकता है बहुत सारी बात है जिन पर निर्णय लेने में भी इंटरनेट का उपयोग किया जाता है आजकल इंटरनेट इतनी बड़ी ताकत बन चुकी है जिसकी वैल्यू को देख कर आज बड़े बड़े नेता,कॉलेज,बॉलीवुड सेलिब्रिटी,बिजनेसमैन सभी इंटरनेट पर ऑनलाइन रहने लगे हैं इंटरनेट एक ऐसा वरदान है जिसके जरिए आजकल बहुत कुछ संभव हो गया है.

पहले जहां किसी भी सवाल के जवाब के लिए हमें किताबों में उसका आंसर देखना पड़ता था लेकिन हम अपने मोबाइल में उपस्थित इंटरनेट के जरिए तुरंत उस सवाल का जवाब ले सकते हैं इससे हमारे काम शीघ्र हुए हैं और इंटरनेट हमें ईमेल जैसी सुविधा प्रदान करता है जिससे हम किसी को भी मेल भेज सकते हैं या डॉक्यूमेंट भेज सकते हैं किसी भी विकट परिस्थिति में हम अपने करीबी रिश्तेदार को इंटरनेट के जरिए तुरंत सूचित कर सकते हैं और तो और इंटरनेट आजकल इतना फेमस हुआ है हम सभी के लिए की आप घर बैठे ही पैसा कमा सकते हैं.

बहुत सारे लोग हैं जो ब्लॉगिंग करके घर से ही लाखों रुपए महीना कमा रहे हैं उनके लिए इंटरनेट एक वरदान से कम नहीं है घर में रहने वाले लोग जो अकेले रहते रहते बोरिंग महसूस करते हैं इंटरनेट ने उनकी बोरियत खत्म की है और होठों पर मुस्कान लाई है क्योंकि इंटरनेट हर किसी के लिए एक वरदान साबित होता है.

इंटरनेट अभिशाप के रूप में-

जैसे की हम सभी जानते हैं कि अगर किसी चीज से हमें कुछ फायदा होता है और अगर हम उसका उपयोग हद से ज्यादा करते हैं तो वह हमारे लिए एक अभिशाप भी बन सकता है इंटरनेट का ज्यादा उपयोग करने पर हमें बहुत सारे नुकसान भी हो सकते हैं आजकल हम देखें तो इंटरनेट की वजह से बहुत सारे क्राइम भी बड़े हैं लोग क्राइम करने में भी इंटरनेट का उपयोग करते हैं वह इंटरनेट से कोई सी भी यूज़ फुल जानकारी लेकर उसका गलत तरह से उपयोग करते हैं जिससे कुछ लोगों को बहुत नुक्सान उठाने को मिलता है.

इसके आलावा बहुत सारी ऐसी वेबसाइट होती हैं जिन पर ऐसी जानकारी दी जाती है जिसका बच्चों पर दुष्प्रभाव पड़ता है बच्चे एक दूसरे के बहकावे में आकर उन वेबसाइट को पढ़ते हैं और बच्चों पर गलत प्रभाव पड़ने की वजह से उनका पूरा जीवन बर्बाद भी हो जाता है बच्चों में कुछ भी सोचने समझने की क्षमता अधिक नहीं होती है जिस वजह से वह इंटरनेट पर मिली जानकारी को सच मानकर अपने जीवन में अपनाकर अपने जीवन को बर्बाद कर सकते हैं क्योंकि इंटरनेट पर अच्छी या बुरी दोनों प्रकार की जानकारी रहती हैं और बच्चों पर बुरी जानकारी का बहुत ही जल्दी प्रभाव पड़ता है.

इंटरनेट के जरिए नौजवानोंपर बहुत बुरा असर पड़ा है क्योंकि अगर इंटरनेट का उपयोग हम जरूरत पड़ने पर ही करें तो अच्छा है लेकिन ज्यादातर लोग ऐसे हैं जिन्हें इंटरनेट की लत लग चुकी है वह दिन दिन रात रात भर इंटरनेट का उपयोग करते रहते हैं और जो समय उनका कैरियर बनाने का होता है उस समय को लगातार बर्बाद करते जाते हैं और अपना और अपने परिवार की जिंदगी बर्बाद करते रहते हैं. इंटरनेट का अगर हम सही से उपयोग ना करें तो वाकई में ये एक ऐसा अभिशाप हमारे लिए हो सकता हैं जो बिना दिए हुए ही सबसे बड़ा हमारे लिए नुकसानदायक हो सकता है.

हमें इंटरनेट का जरूरत पड़ने पर ही उपयोग करना चाहिए और बच्चों को इससे दूर ही रखना चाहिए अगर कभी आप अपने बच्चों को इंटरनेट उपयोग करने दें तो अपनी निगरानी में ही करने हैं क्योंकि उनमें इतनी समझ नहीं होती कि हमें क्या करना चाहिए क्या नहीं करना चाहिए,इसमें क्या देखना चाहिए क्या नहीं देखना चाहिए.अगर हम अपने बच्चों पर निगरानी रखेंगे तो हो सकता है हम इस अभिशाप से बच सकें क्योंकि बच्चे हमारे देश का भविष्य है इस तरह के इंटरनेट के दुरूपयोग से हमें बचना चाहिए.

जैसे कि मैंने आपको बताया इंटरनेट एक तरफ हम सभी के लिए वरदान की तरह है वहीं दूसरी तरफ इसके दुष्प्रभाव भी बहुत हैं हमें इंटरनेट का लिमिट में रहकर उपयोग करना चाहिए और अगर बच्चों को इंटरनेट चलाने दे तो उन पर निगरानी जरूर रखें क्योंकि बच्चों में बिल्कुल भी इस बारे में समझ नहीं होती.अगर हम इंटरनेट का सही तरह से उपयोग करें और जरूरत पड़ने पर ही उपयोग करें तो वाकई में आने वाले भविष्य में हम इंटरनेट के जरिए अपने भविष्य को उज्जवल कर सकते हैं और अपने देश का नाम रोशन कर सकते हैं क्योंकि इंटरनेट एक बहुत बड़ी ताकत है,बहुत बड़ी मुहिम है हमें इसका सही तरह से उपयोग करके इसको वरदान के रूप में लेंना चाहिए.

  • इंटरनेट पर हास्य कविता और स्लोगन Funny poem and slogan on internet in hindi
  • इंटरनेट क्रांति पर निबंध Internet kranti essay in hindi

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इंटरनेट पर निबंध 100, 150, 250, 500 शब्दों में | Internet Essay in Hindi (with PDF)

दोस्तों आज के इस आर्टिकल में हम आपको इंटरनेट पर निबंध देने वाले हैं। निचे हमने इन्टरनेट पर 100 शब्द से लेकर 500 शब्दों तक के निबंध दिए हैं जो की आपके काम आ सकते हैं। आप इंटरनेट पर निबंध PDF फॉर्मेट में भी डाउनलोड कर सकते हैं जिसकी लिंक निचे दी गयी है।

वैसे तो आप इंटरनेट से बहुत अच्छी तरह से परिचित होंगे इसके बिना किसी भी इंसान का अब गुजारा नहीं है। यही वजह है कि आज हम इसी टॉपिक पर आपके लिए निबंध लेकर आये हैं ताकि आप आसानी से इंटरनेट पर निबंध लिख सकें। हम अपने इस आर्टिकल में आपको बताएंगे कि आप किस तरह से कम शब्दों में और ज्यादा शब्दों में इंटरनेट पर निबंध लिख सकते हैं। 

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इंटरनेट पर निबंध 100 शब्दों में

आज के युग में इंटरनेट के कारण हमारा जीवन बहुत आसान हो गया है क्योंकि इसकी सहायता से आज घर से बाहर जाए बिना ही बहुत से काम किए जा सकते हैं। चाहे बिल जमा करना हो या कोई मूवी देखनी हो या शॉपिंग करनी हो इंटरनेट के जरिए सारे काम चुटकियों में हो जाते हैं। इसीलिए आज सभी लोग इंटरनेट के आदी हो गए हैं और इसके बिना कोई भी व्यक्ति अपना जीवन आसान नहीं बना सकता। इंटरनेट चलाने में बहुत आसान होता है इसी वजह से इसका उपयोग स्कूलों, कॉलेजों, बैंकों और दूसरी सभी जगहों पर इस्तेमाल होता है। 

इंटरनेट पर निबंध 150 शब्दों में

इंटरनेट संचार का एक बहुत ही महत्वपूर्ण हिस्सा बन चुका है और दुनिया भर के सभी लोग आज अपने कंप्यूटर, मोबाइल फोन और बहुत से इलेक्ट्रॉनिक उपकरण इसके माध्यम से चलाते हैं। चाहे बात शिक्षा की हो या फिर साइंस की किसी भी फील्ड में इंटरनेट की उपयोगिता को कम नहीं आंका जा सकता।

दुनिया भर के सभी लोग आज इतनी सुगमता के साथ केवल इंटरनेट के जरिए से ही जुड़े हुए हैं। इसलिए इस टेक्नोलॉजी के जरिए से आप अपने घर से ही किसी भी फील्ड के बारे में सारी इनफार्मेशन सरलता के साथ प्राप्त कर सकते हैं।

इंटरनेट के फायदे 

इंटरनेट के फायदे बहुत सारे हैं जो कि इस तरह से हैं –

  • इंटरनेट की सहायता से दुनियाभर के करोड़ों कंप्यूटरों को एक साथ जोड़ना बहुत आसान हो गया है जो कि इंटरनेट के बिना संभव नहीं था। 
  • कुछ ही पलों में आप दुनिया के किसी भी कोने की जानकारी इंटरनेट के माध्यम से हासिल कर सकते हैं। 
  • आप इंटरनेट के जरिए से सॉफ्ट कॉपी डॉक्यूमेंट और दूसरे अन्य दस्तावेज ईमेल करके एक जगह से दूसरी जगह पर भेज सकते हैं। 
  • किसी भी घटना को आप अपने स्मार्ट फोन पर या लैपटॉप पर देख सकते हैं। 
  • आप ऑनलाइन पढाई कर सकते हैं।
  • ऑनलाइन खरीददारी कर सकते हैं।

इंटरनेट पर निबंध 250 शब्दों में

इंटरनेट एक बहुत ही शक्तिशाली नेटवर्क है जो सारी दुनिया को एक साथ जोड़ता है। सभी इंसान अपने सारे कामों को करने के लिए आज इंटरनेट के ऊपर ही निर्भर हैं। देखा जाए तो जब से इंटरनेट आया है तब से सभी लोगों की जिंदगी पहले की तुलना में काफी आसान हो गई है। ‌इसकी वजह से लोगों के काम करने के तरीके में भी काफी बदलाव आ गया है। इंटरनेट ने जिंदगी को इतना आसान बना दिया है कि पलक झपकते ही हम कई सारे काम ऑनलाइन कर सकते हैं। 

इंटरनेट से होने वाले नुकसान 

किसी भी चीज के फायदे और नुकसान दोनों ही होते हैं और इंटरनेट के जहां बहुत सारे फायदे हैं तो इसके कुछ नुकसान भी हैं। जिस तरह से इंटरनेट का उपयोग आज काफी बड़े पैमाने पर उपयोग हो रहा है उससे कई प्रकार के अपराधों में वृद्धि हुई है। ‌मिसाल के तौर पर ऑनलाइन ठगी जैसे मामले अब हमें काफी ज्यादा देखने को मिलते हैं और इसके अलावा साइबर क्राइम, हैकिंग और डाटा चोरी जैसे क्राइम्स को इंटरनेट की वजह से बढ़ावा मिला है।

इसके अलावा इंटरनेट के इस्तेमाल से होने वाली कुछ शारीरिक हानियां निम्नलिखित हैं –

  • लगातार इंटरनेट का इस्तेमाल करना हमारे स्वास्थ्य को खराब करता है। 
  • जो लोग देर रात तक इंटरनेट का यूज करते हैं उन्हें मोटापे की समस्या हो सकती है।
  • किसी भी चीज की लत बहुत बुरी होती है और ठीक ऐसा इंटरनेट के साथ भी है। इसलिए खुद को इसकी लत नहीं लगानी चाहिए।
  • जब काफी देर तक मोबाइल पर या फिर कंप्यूटर की स्क्रीन पर काम किया जाता है तो उसकी वजह से आंखों में कई तरह की बीमारियां हो जाती हैं जैसे कि ड्राई आइज़, खुजली और जलन वगैरह। 

इंटरनेट पर निबंध 500 शब्दों में

आज पूरी दुनिया इंटरनेट से ही चलती है और सारे काम इंटरनेट की सहायता से ही होते हैं। हर क्षेत्र में इंटरनेट आज बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। इतना ही नहीं आप इंटरनेट की हेल्प से किसी भी इंसान के बारे में बहुत ही आसानी से कोई भी जानकारी हासिल कर सकते हैं। सबसे अच्छी बात यह है कि इंटरनेट का इस्तेमाल करने के लिए आपको कहीं भी बाहर जाना नहीं पड़ता क्योंकि आप अपने घर से ही सारे काम बैठे बैठे कर सकते हैं। जब से इंटरनेट की खोज हुई है तब से ही लोगों का जीवन बहुत ज्यादा खुशहाल बन गया है क्योंकि मुश्किल से मुश्किल काम चुटकियों में हो जाते हैं। 

इंटरनेट क्या है?

इंटरनेट को हिंदी में अंतरजाल के नाम से जाना जाता है और इसे इंग्लिश में इंटरनेशनल नेटवर्क (international network) भी कहा जाता है। इस का फुल फॉर्म इंटरकनेक्टेड नेटवर्क (interconnected network) है। यह पूरे वर्ल्ड की जानकारी को आपके लैपटॉप, मोबाइल फोन या फिर टेबलेट पर उपलब्ध करा देता है। इस प्रकार से यह कहना गलत नहीं है कि इंटरनेट एक बहुत ही ज्यादा आधुनिक संचार प्रौद्योगिकी है जिसके अंदर बहुत सारे कंप्यूटर एक नेटवर्क में जोड़े गए हैं। इसीलिए इंटरनेट के जरिए से अनेकों सूचनाएं और जानकारियां डिजिटली अवेलेबल होती हैं। यही वजह है कि इंटरनेट को पूरी दुनिया का तंत्र भी कहते हैं क्योंकि इससे पूरे वर्ल्ड के लोग आपस में एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। 

इंटरनेट का आविष्कार कब हुआ था  ?

पूरी दुनिया को जोड़ने वाले इंटरनेट का आविष्कार सन् 1960 के दशक में हुआ था। अमेरिका से इंटरनेट की शुरुआत हुई थी। वहीं हमारे देश भारत में इंटरनेट 80 के दशक के दौरान आया था। इंटरनेट के आविष्कार का पूरा श्रेय अमेरिका के कंप्यूटर वैज्ञानिक विन्टन-सर्फ (Vinton cerf) और बॉब काह्न (Bob Kahn) को जाता है। वहीँ वर्ल्ड-वाइड-वेब का आविष्कार टिम बर्नर्स-ली (Tim Berners-Lee) ने किया था जिसके बाद इन्टरनेट और भी अधिक प्रसिद्ध हुआ।

इंटरनेट का महत्व क्या है ?

इंटरनेट का महत्व आप इसी बात से जान सकते हैं कि आज हर जगह पर इंटरनेट कनेक्शन पाया जाता है। आप चाहें कहीं भी चले जाएं आपको इंटरनेट की सुविधा हर जगह अवेलेबल मिलेगी। इंटरनेट का इस्तेमाल आज निम्नलिखित जगहों पर काफी बड़े पैमाने पर होता है – 

  • रेलवे स्टेशन
  • दुकानें 
  • स्कूल और कॉलेज
  • शिक्षण संस्थान
  • यूनिवर्सिटीज 
  • सरकारी और गैर सरकारी संगठन
  • मॉल इत्यादि 

इंटरनेट के लाभ और हानि

वैसे तो इंटरनेट सभी लोगों के लिए काफी फायदेमंद है। लेकिन जहां एक ओर इसके माध्यम से स्टूडेंट्स अपनी पढ़ाई आसान तरीके से कर सकते हैं तो वहीं इसके कुछ नुकसान भी हैं। पढाई के लिए इंटरनेट बहुत ही उपयोगी है लेकिन कई बच्चे सोशल मीडिया पर अपना समय बर्बाद करते हुए दिखाई देते हैं। वहीँ कई बच्चे अपने घरवालों से छुपकर इंटरनेट का इस्तेमाल करके गलत वेबसाइट्स का उपयोग करते हैं। ऐसी गलत वेबसाइट्स युवाओं के भविष्य के लिए एक बहुत बड़ी चुनौती है।

हालांकि माता-पिता को इन बातों का अंदाजा होता है लेकिन वह जानबूझकर ऐसी बातों को अनदेखा कर देते हैं। इस वजह से बच्चे खुलकर इंटरनेट का उपयोग करते हैं। परंतु ऐसा करना कम उम्र के बच्चों के लिए ठीक नहीं होता और उन्हें चाहिए कि वो हमेशा अपने घर के बड़े लोगों के सामने ही इंटरनेट का प्रयोग करें। 

इन्टरनेट आज के समय में बेहद उपयोगी है और इससे कई सारे काम आसान हुए हैं। इंटरनेट ने कई क्षेत्र में रोजगार के अवसर भी दिए हैं और आज हर एक ऑफिस में आपको कंप्यूटर और इंटरनेट का उपयोग होता हुआ दिखाई देगा। लेकिन जिस प्रकार से हर सिक्के के दो पहलु होते हैं ठीक उसी तरह इंटरनेट का यदि गलत उपयोग किया जाए तो इसके कई नुकसान भी हैं। इसलिए इंटरनेट हमें उपयोग तो करना चाहिए लेकिन उसके दुष्प्रभाव के बारे में भी हमें पता होना चाहिए।

इंटरनेट पर निबंध PDF Download

आप इस निबंध की PDF फाइल भी डाउनलोड कर सकते हैं इसके लिए निचे दिए गये लिंक पर क्लिक करें:

Download PDF

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  • पर्यावरण प्रदूषण पर निबंध
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दोस्तों यह था हमारा आर्टिकल इंटरनेट पर निबंध। इस लेख में हमने आपको जानकारी दी कि आप इंटरनेट पर निबंध 100 शब्दों में, 150 शब्दों में, 250 शब्दों में और 500 शब्दों में कैसे लिख सकते हैं। हमें पूरी उम्मीद है कि आप को इंटरनेट पर निबंध का यह पोस्ट जरूर पसंद आया होगा। इसलिए इसे अपने दोस्तों के साथ भी जरूर शेयर करें। 

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  • दिसम्बर 9, 2023

Vigyan Vardan Ya Abhishap Essay In Hindi

विज्ञान ने छात्रों को बहुत अधिक मात्रा में एजुकेशनल टूल्स और संसाधन उपलब्ध कराए हैं।  इंटरनेट, डिजिटल बुक्स, ऑनलाइन कोर्सेज और एजुकेशनल ऐप्स ने छात्रों के जानकारी तक पहुंचने और सीखने के तरीके में क्रांति ला दी है। साइंटिफिक प्रोग्रेस ने मेडिकल, टेक्नोलॉजी और साइंटिफिक रिसर्च से लोगों का जीवन तो आसान किया है लेकिन वहीं दूसरी ओर इन्फॉर्मेशन ओवरलोड, एथिकल डिलेमा, टेक्नोलॉजिकल डिस्ट्रेक्शंस और टेक्नोलॉजी पर निर्भरता जैसी समास्याओं को भी खड़ा किया है। इस विषय पर कई बार छात्रों को निबंध तैयार करने के लिए दिया जाता है। Vigyan Vardan Ya Abhishap Essay In Hindi के बारे में अधिक जानने के लिए इस ब्लॉग को अंत तक पढ़ें।  

This Blog Includes:

विज्ञान वरदान या अभिशाप निबंध सैंपल 2, विज्ञान क्या है, विज्ञान के बढ़ते कदम, विज्ञान से होने वाली हानि, विज्ञान वरदान या अभिशाप पर 10 लाइन्स, विज्ञान वरदान या अभिशाप निबंध सैंपल 1.

विज्ञान एक दोधारी तलवार यानी मानवता के लिए वरदान और अभिशाप दोनों के रूप में कार्य करता है। विज्ञान हमें चमत्कार प्रदान करता है। यह छात्रों को इंटरनेट जैसे आधुनिक उपकरणों के माध्यम से ज्ञान प्रदान करता है, जिससे सीखना सुलभ और रोमांचक हो जाता है। चिकित्सा में विज्ञान के चमत्कार जीवन बचाते हैं, और तकनीकी उपकरण हमारे दैनिक कार्यों को सरल बनाते हैं।

हालाँकि, यह वरदान एक अभिशाप भी लेकर आता है। जानकारी का निरंतर प्रवाह छात्रों को भ्रमित कर सकता है, जिससे स्पष्टता के बजाय भ्रम पैदा हो सकता है। जीवन को आसान बनाने वाले गैजेट नई समस्याएं पैदा करते हैं और पढ़ाई से ध्यान भटकाते हैं। साइंटिफिक प्रोसेस के साथ नैतिक दुविधाएँ उत्पन्न होती हैं, जो कुछ कार्यों की नैतिकता पर सवाल उठाती हैं।

विज्ञान हमें अविश्वसनीय उपहार प्राप्त होते हैं, फिर भी हमें सावधानी से चलना चाहिए। उचित मार्गदर्शन और जिम्मेदार उपयोग के साथ, विज्ञान का वरदान इसके अभिशाप पर भारी पड़ सकता है, जिससे छात्रों और पूरे समाज के लिए एक उज्जवल भविष्य सुनिश्चित हो सकता है।

Vigyan Vardan Ya Abhishap Essay In Hindi सैंपल 2 नीचे दिया गया है-

आज की दुनिया में, विज्ञान हमारे जीवन का एक अनिवार्य हिस्सा बन गया है, जिससे यह युग वास्तव में विज्ञान का युग बन गया है। इसकी प्रगति ने जीवन के हर पहलू को छुआ है, जिससे मानव कल्याण को अत्यधिक लाभ मिला है।  बिजली की खोज, एक उल्लेखनीय उपलब्धि है, जो हमारे घरों को बिजली देती है, हमारे भोजन को पकाती है, और कारखानों को चलाती है, जिससे यह हमारे दैनिक जीवन का एक अनिवार्य हिस्सा बन जाती है।

परिवहन तेज और अधिक सुलभ हो गया है, जिससे हम रेल, मेट्रो, मोटर जहाज और हवाई जहाज जैसे विभिन्न साधनों के माध्यम से कुछ ही घंटों में हजारों किलोमीटर की यात्रा कर सकते हैं। रेडियो, टेलीविजन, टेलीफोन और मोबाइल उपकरणों जैसे आविष्कारों के साथ संचार में क्रांति आ गई है, जिससे त्वरित संदेश और वैश्विक कनेक्टिविटी सक्षम हो गई है।

मेडिकल क्षेत्र में, विज्ञान ने एक्स-रे के माध्यम से शरीर के आंतरिक अंगों की जांच करने की क्षमता और जटिल रोगों के उपचार के विकास में चमत्कार हासिल किया है। उन्नत हल और ट्रैक्टर जैसे कृषि आविष्कारों ने कृषि पद्धतियों को बदल दिया है, जिससे दक्षता में वृद्धि हुई है।

विज्ञान के सभी योगदान लाभकारी नहीं हैं। न्यूक्लियर और हाइड्रोजन बम सहित सुरक्षा संबंधी हथियारों का आविष्कार सभ्यता और संस्कृति के लिए ख़तरा है। जहरीली गैसों की खोज वैज्ञानिक प्रगति के नकारात्मक पक्ष को और उजागर करती है।

जबकि विज्ञान ने आश्चर्यजनक चमत्कार किए हैं जो असंभव को संभव बनाते हैं, मानव कल्याण के लिए इसका उपयोग करना महत्वपूर्ण है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि यह मानव जाति के लिए अभिशाप के बजाय एक वरदान बना रहे। वैज्ञानिक प्रगति का जिम्मेदार और नैतिक उपयोग इसके द्वारा लाए गए चमत्कारों के साथ मानव अस्तित्व के लिए आवश्यक है।

विज्ञान वरदान या अभिशाप निबंध सैंपल 3

Vigyan Vardan Ya Abhishap Essay In Hindi सैंपल 3 नीचे दिया गया है-

आज की दुनिया में विज्ञान हमारी प्रगति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। पूरे इतिहास में, मानवीय प्रगति का श्रेय वैज्ञानिक खोजों को दिया गया है। यह कहावत “आवश्यकता आविष्कार की जननी है” सच है, क्योंकि हमारी बढ़ती ज़रूरतें हमें नई चीज़ें बनाने के लिए प्रेरित करती हैं। विज्ञान ने असंभव प्रतीत होने वाले कार्यों को हासिल कर लिया है, एक बार अकल्पनीय कार्यों को वास्तविकता में बदल दिया है। चाहे वह एक छोटी सी सुई हो या आसमान में उड़ने वाले बड़े बड़े जहाज, हमारे आस-पास की हर चीज़ वैज्ञानिक योगदान का परिणाम है। अब हम उन चीजों का आनंद लेते हैं जिन्हें अतीत में चमत्कार माना जाता था। आगे देखते हुए, निस्संदेह और भी अविश्वसनीय आविष्कार होंगे जिनकी हम आज कल्पना भी नहीं कर सकते। विज्ञान ने हमें बहुत कुछ दिया है, और हम इसके द्वारा जारी अनगिनत संभावनाओं के लिए हमेशा आभारी रहेंगे।

विज्ञान शब्द दो शब्दों को मिलाकर बनाया गया है, “वि” जिसका अर्थ है विशेष और “ज्ञान” जिसका अर्थ है जानना।  विज्ञान का अर्थ कुछ विशेष जानने या एक विशेष प्रकार का ज्ञान का होना है। विज्ञान ने हमारे जीवन को महत्वपूर्ण रूप से बदल दिया है, और इसे और अधिक सुविधाजनक बना दिया है। यह वास्तव में एक वरदान की तरह है।

पहले लोग बैलगाड़ी में सफर करते थे, लेकिन आज विज्ञान की बदौलत इंसान अंतरिक्ष तक पहुंच गया है। विज्ञान ने हमें अद्भुत शक्तियां दी है। अब, इसकी मदद से, लोग पक्षियों की तरह आकाश में उड़ सकते हैं, पानी के भीतर सांस ले सकते हैं और पहाड़ों पर आसानी से चड़ सकते हैं, कुछ ही घंटों में लंबी दूरी तय कर सकते हैं। विज्ञान ने वास्तव में हमारे लिए अनंत संभावनाएं खोल दी हैं।

विज्ञान की बदौलत, हमारा जीवन बेहद आरामदायक हो गया है, जिससे हमारा काफी समय बचता है। दैनिक जीवन में विज्ञान की भूमिका निम्न है-

  • घरेलू जीवन: हमारे घरों में विज्ञान ने हीटर, रेफ्रिजरेटर, टीवी, रेडियो, टेप रिकॉर्डर, फोन और स्कूटर ला दिए हैं, जिससे जीवन और अधिक आनंददायक हो गया है।  इन वैज्ञानिक चमत्कारों से गृहणियां कई काम मिनटों में निपटा सकती हैं।
  • परिवहन: हम दोपहिया वाहनों से लेकर अंतरिक्ष यात्रा तक एक लंबा सफर तय कर चुके हैं।  हम कुछ ही मिनटों में वो दूरियाँ तय कर लेते हैं जिनमें महीनों लग जाते थे।  वैज्ञानिक आविष्कारों की बदौलत बुलेट ट्रेन, हवाई जहाज और हेलीकॉप्टर हमें जमीन, समुद्र और आकाश में पहुंचाते हैं।
  • संचार: विज्ञान ने संचार में तेजी से सुधार किया है। 1G से अब हमारे पास 5G है और इंटरनेट प्रकाश की गति से चलता है।  वैज्ञानिक प्रगति की बदौलत हम वीडियो कॉल और वर्चुअल विजिट कर सकते हैं।
  • शिक्षा: विज्ञान ने हमारे सीखने के तरीके को बदल दिया है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और रोबोट के साथ, टीचिंग मेथड्स डेवलप हुए हैं। विज़ुअल टेक्नोलॉजी से कठिन विषयों को भी आसान बना दिया जाता है।
  • मनोरंजन: विज्ञान ने मनोरंजन को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित किया है।  फ़िल्में, वीडियो, टेलीविज़न और खेल सभी मनोरंजन के आधुनिक और वैज्ञानिक रूप बन गए हैं।
  • चिकित्सा: चिकित्सा क्षेत्र में भी विज्ञान ने चमत्कार किये हैं। इसने दुर्लभ बीमारियों का इलाज खोजा है, एक्स-रे और लेजर से सर्जरी को आसान बनाया है और अंग प्रत्यारोपण को सक्षम बनाया है।  रक्तदान और प्लास्टिक सर्जरी जैसे कार्य विज्ञान के कारण ही संभव हो सके हैं। आप समय और धन की बचत करते हुए अपने स्मार्टफोन के माध्यम से अपने घर पर चिकित्सा उपचार और दवाएं भी प्राप्त कर सकते हैं।
  • बिजली: विज्ञान ने हमें भाप, खनिज, तेल, कोयला और बिजली के माध्यम से असीमित शक्ति दी है।  बिजली हमारी रातों को रोशन करती है और हमारे घरों को बिजली देती है, जिससे कई लाभ मिलते हैं।
  • कंप्यूटर: कंप्यूटर हर जगह हैं, और हर कोई जानता है कि उनका उपयोग कैसे करना है।  स्मार्टफोन, एक महत्वपूर्ण वैज्ञानिक आविष्कार है इसका उपयोग अब हर किसी के लिए आसान है। उन्होंने सीखना, काम करना और वैश्विक जानकारी तक पहुंच को आसान बना दिया है।
  • अंतरिक्ष: विज्ञान के लिए धन्यवाद, अंतरिक्ष अब एक रहस्य नहीं है।  मंगलयान और चंद्रयान जैसे अंतरिक्ष मिशन अज्ञात की ओर मानवता के कदम हैं।
  • सुरक्षा: ड्रोन, सीसीटीवी कैमरे, पासवर्ड और वर्चुअल लॉक लाने से विज्ञान के साथ सुरक्षा विकसित हुई है।
  • कृषि: वैज्ञानिक आविष्कारों ने कृषि उत्पादन में वृद्धि की है और ट्रैक्टरों और आधुनिक उपकरणों के साथ खेती के कार्यों को सरल बना दिया है।

विज्ञान ने हमारे जीवन के हर पहलू को छुआ है, इसे आसान, अधिक कुशल और कई सारी संभावनाओं से भर दिया है।

विज्ञान ने जहां हमारे जीवन में अनेक सुविधाएं लायी हैं, वहीं अनेक समस्याओं को भी जन्म दिया है।

  • दुर्लभ बीमारियाँ: आजकल, हम ऐसी दुर्लभ बीमारियों में वृद्धि देख रहे हैं जिनके बारे में पहले कभी पता नहीं था। कोरोना वायरस इसका स्पष्ट उदाहरण है, क्योंकि यह एक नया वायरस है जिसका हमने पहले सामना नहीं किया था।
  • कृषि में रासायनिक छिड़काव: खेतों में हानिकारक रसायनों के उपयोग से उत्पादन तो बढ़ा है लेकिन इसके परिणामस्वरूप फसलों में पोषक तत्वों और शुद्धता की कमी हो गई है। इससे कई प्रकार की बीमारियाँ उत्पन्न होने लगी हैं।
  • ग्लोबल वार्मिंग: पेड़ों की अनियंत्रित कटाई और बढ़ते औद्योगीकरण के कारण पर्यावरण तेजी से बदल रहा है। ग्लेशियर पिघल रहे हैं और ग्लोबल वार्मिंग बढ़ रही है। जल स्रोत कम हो रहे हैं, और पेड़ों की कमी से हवा में महत्वपूर्ण ऑक्सीजन का स्तर कम हो रहा है, जिससे विभिन्न बीमारियाँ पैदा हो रही हैं।
  • पर्यावरण प्रदूषण: पर्यावरण प्रदूषण के बढ़ते स्तर ने कई प्रकार की बीमारियों को जन्म दिया है।
  • प्रौद्योगिकी पर अत्यधिक निर्भरता: प्रौद्योगिकी ने जहां कई कार्यों को आसान बना दिया है, वहीं इसने हमें आलसी भी बना दिया है। हम खाना पकाने से लेकर कपड़े धोने और मनोरंजन तक हर छोटे काम के लिए प्रौद्योगिकी पर अत्यधिक निर्भर हो गए हैं।
  • टेक्नोलॉजी पर अत्यधिक निर्भरता: टेक्नोलॉजी पर अत्यधिक निर्भरता के कारण समाज को संकटों का सामना करना पड़ रहा है। अगर आज इंटरनेट बंद हो जाए तो लाखों लोग बेरोजगार हो जाएंगे क्योंकि हमारी अर्थव्यवस्था तकनीक पर इतनी निर्भर हो गई है।
  • मोबाइल की लत: कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान, बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक सभी के लिए स्क्रीन पर बिताए जाने वाले समय में बहुत वृद्धि हुई। इससे बच्चे मोबाइल स्क्रीन के आदी हो गए, जिसके परिणामस्वरूप दृष्टि संबंधी समस्याएं, चिड़चिड़ापन, अत्यधिक गुस्सा, भूख न लगना और ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई जैसी समस्याएं होने लगीं हैं।

विज्ञान का दुरुपयोग मानवता के लिए अभिशाप बनता जा रहा है।  इसका एक स्पष्ट परिणाम विश्व की जनसंख्या में तीव्र वृद्धि है। विज्ञान जनसंख्या नियंत्रण के प्रभावी साधन प्रदान करता है, अविकसित देशों को अक्सर इन तरीकों को अपनाने में चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, जिससे विभिन्न समस्याएं पैदा होती हैं।

विज्ञान में व्यापक रोजगार पैदा करने की क्षमता है, लेकिन कुछ देश अपने संसाधनों का कुशलतापूर्वक उपयोग करने के लिए संघर्ष करते हैं।  विज्ञान द्वारा शिक्षा के साधन उपलब्ध कराने के बावजूद, कई देशों में अभी भी बड़ी संख्या में निरक्षर लोग हैं। कृषि में वैज्ञानिक प्रगति से वैश्विक स्तर पर भूख और कुपोषण को खत्म किया जा सकता है, फिर भी लोग पर्याप्त भोजन के बिना पीड़ा झेल रहे हैं।

इसलिए, जिन समस्याओं के लिए अक्सर विज्ञान को जिम्मेदार ठहराया जाता है, वे वास्तव में मानव-निर्मित मुद्दे हैं। यह हमारी सामूहिक जिम्मेदारी बन जाती है कि हम विज्ञान के अविश्वसनीय उपहार का उपयोग सकारात्मक प्रयासों के लिए करें। विज्ञान के दुरुपयोग के खिलाफ एक ठोस प्रयास होना चाहिए, सभी देशों को वैश्विक शांति की दिशा में काम करना चाहिए और बड़े हथियारों की बढ़ती दौड़ का सक्रिय रूप से विरोध करना चाहिए।

Vigyan Vardan Ya Abhishap Essay In Hindi जानने के बाद विज्ञान वरदान या अभिशाप पर 10 लाइन्स भी जानिए, जो नीचे दी गई हैं-

  • विज्ञान एक वरदान है जो बिजली, परिवहन और चिकित्सा में नई टेक्नोलॉजी लेकर आया है। यह जीवन में सुधार, मानव जीवन में आराम और प्रगति लाया है।
  • रेडियो, टीवी और मोबाइल जैसे आविष्कारों की बदौलत संचार में तेजी आई है, जो दुनिया को जोड़ने का कार्य करते हैं और सूचना और मनोरंजन प्रदान करता है।
  • आधुनिक उपकरणों जैसे ट्रैक्टर, हल और फसल काटने की मशीनों से कृषि फलती-फूलती है, जिससे उत्पादकता बढ़ती है और बड़ी आबादी को भोजन मिलता है।
  • विज्ञान की बदौलत ही आज मानव चांद पर पहुंच पाया है। 
  • जब विनाशकारी उद्देश्यों के लिए विज्ञान का उपयोग किया जाता है तो यह अभिशाप हो सकता है, जैसा कि हानिकारक हथियारों के निर्माण में देखा गया है।
  • सुरक्षा संबंधी आविष्कार, जैसे परमाणु और हाइड्रोजन बम, वैश्विक शांति और स्थिरता के लिए गंभीर खतरा पैदा करते हैं और सभ्यताओं को खतरे में डालते हैं।
  • वैज्ञानिक प्रगति का दुरुपयोग, जैसे ज़हरीली गैसें, पर्यावरण और मानव स्वास्थ्य पर हानिकारक प्रभाव डाल सकती हैं।
  • विज्ञान ने दुनिया को और अधिक आपस में जोड़ा है, इसने नैतिक चिंताओं को भी उठाया है, इसका जिम्मेदार और विचारशील तरीके से उपयोग किया जाना चाहिए।
  • मानव कल्याण और प्रगति के लिए विज्ञान के लाभों का उपयोग करना और प्रकृति के साथ सह-अस्तित्व सुनिश्चित करना आसान उपाय है।
  • विज्ञान एक शक्तिशाली शक्ति है जो मानवीय विकल्पों और कार्यों के आधार पर या तो वरदान या अभिशाप हो सकता है।
   
   
 

विज्ञान हमारे लिए कई लाभ लाता है, इसका प्रभाव इस बात पर निर्भर करता है कि इसका उपयोग कैसे किया जाता है।  दुरुपयोग, जैसे हानिकारक हथियारों का निर्माण, इसे अभिशाप में बदल सकता है।

विज्ञान ने रेडियो, टेलीविजन, टेलीफोन और मोबाइल उपकरणों जैसे आविष्कारों के साथ संचार में क्रांति ला दी है, जिससे विश्व स्तर पर लोग जुड़ रहे हैं। लोगों को तुरंत संदेश भेजने की सुविधा मिल रही है।

विज्ञान ने ट्रैक्टर, हल और काटने वाली मशीनों जैसे आविष्कारों, उत्पादकता बढ़ाने और बढ़ती आबादी के लिए प्रयाप्त भोजन बनाए रखने के माध्यम से कृषि में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

हां, वैज्ञानिक प्रगति का दुरुपयोग, जैसे जहरीली गैसों की खोज, पर्यावरण और मानव स्वास्थ्य पर हानिकारक प्रभाव डाल सकता है।

आशा है कि आपको इस ब्लाॅग में Vigyan Vardan Ya Abhishap Essay In Hindi के बारे में पूरी जानकारी मिल गई होगी। इसी प्रकार के अन्य निबंध से जुड़े ब्लॉग्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।

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विज्ञान वरदान या अभिशाप पर निबंध

Vigyan Vardan ya Abhishap Essay In Hindi: विज्ञान का दिन प्रतीदिन विकास हो रहा है। विज्ञान की तरक्की ने मनुष्य के जीवन को प्रभावित किया है। आज का हमारा आर्टिकल जिसमें हम विज्ञान वरदान या अभिशाप पर निबंध के बारे मे बात करने वाले हैं। यह निबंध सभी कक्षाओं के विद्यार्थियों के लिए मददगार है।

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विज्ञान वरदान या अभिशाप पर निबंध | Vigyan Vardan ya Abhishap Essay In Hindi

विज्ञान वरदान या अभिशाप हिंदी निबंध 500 words (science boon or curse essay 150 words).

दिन प्रतिदिन विज्ञान की टेक्नोलॉजी बढ़ती जा रही है, जिसकी वजह से मनुष्य को हजारों सुख सुविधाएं मिल रही है। लेकिन दूसरी तरफ विज्ञान की वजह से मनुष्य सभ्यता का नाश हो रहा है, जिसकी वजह से मनुष्य का जीवन विनाश की ओर जा रहा है और मनुष्य जाति को नाभिकीय यंत्रों से खतरा पैदा हो रहा है।

यदि हम विज्ञान के फायदे और नुकसान की बात करें तो जितने विज्ञान के फायदे मिलेंगे, उतने ही आपको नुकसान भी मिल जाएंगे। विज्ञान के द्वारा बनाए गए परमाणु बंब, जिसे मनुष्य शक्ति के तौर पर मानता है। लेकिन इसका दूसरी तरफ गलत उपयोग जापान के हिरोशिमा और नागासाकी जैसे उदाहरण के रूप में उभरता है।

विज्ञान के हजारों सुविधाएं और वरदान है। विज्ञान की वजह से ही यह हजारों सुख सुविधाएं संभव हुई है। मनुष्य को अंधकार से जीत दिलाने का काम विज्ञान का ही है। विज्ञान की वजह से ही विद्युत का आविष्कार हुआ है और हजारों उपकरण का आविष्कार हुआ है। विज्ञान ने ही इतनी सारी टेक्नोलॉजी को बढ़ाया है लेकिन दूसरी तरफ उन सभी का नुकसान भी है।

Vigyan Vardan ya Abhishap Essay In Hindi

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विज्ञान वरदान या अभिशाप हिंदी निबंध 200 words (Vigyan Vardan ya Abhishap Nibandh)

आज का युग विज्ञान का युग कहलाता है और विज्ञान के द्वारा दिन प्रतिदिन की जाने वाली टेक्नोलॉजी मनुष्य को और अधिक सुविधाजनक बना रही है। लेकिन इस सुविधा के साथ-साथ मनुष्य को कई प्रकार की समस्याओं का सामना भी करना पड़ रहा है।

जिस विज्ञान की वजह से आज इतने मोटर और वाहन संपन्न हुए हैं, उनका सदुपयोग बहुत है। कई घंटों चलने पर व्यक्ति जहां पहुंचता था, वह आज के समय में मिनटों में पहुंच सकता है। लेकिन उन वाहनों की वजह से होने वाला प्रदूषण दिन प्रतिदिन मनुष्य के लिए खतरनाक साबित हो रहा है और मनुष्य को कई परेशानियां इसकी वजह से उठानी पड़ रही है।

पुराने इतिहास को यदि खंगाला जाए तो मनुष्य जानवरों की तरह रहता था। लेकिन आज की मनुष्य की लाइफ स्टाइल पूरी तरह से बदल गई है, इसके पीछे विज्ञान का ही हाथ है। विज्ञान दिन प्रतिदिन आधुनिक युग को बढ़ा रहा है। विज्ञान के कारण मनुष्य की पूरी जिंदगी बदल चुकी है।

पुराने जमाने में लोग एक जगह से दूसरी जगह अपने मन के विचार किसी के सामने व्यक्त करने के लिए खत और लेटर का प्रयोग करते थे, जिसे पहुंचने में 10 से 15 दिन लगते थे। लेकिन संचार के क्षेत्र में विज्ञान की तरक्की ने सबके हाथ में एक स्मार्टफोन पकड़ा दिया है, जिसके जरिए व्यक्ति अपनी बात एक सैकेंड में किसी दूसरे के सामने बयां कर सकता है और उसे फेस टू फेस वीडियो कॉल के जरिए देख भी सकता है।

लेकिन दूसरी तरफ ही संचार के साधन के विकास से आकाश में तरंगों की संख्या में वृद्धि हुई और इन तरंगों ने मधुमक्खी और पक्षियों के जीवन को खतरे में डाल दिया है।

Vigyan Vardan ya Abhishap Essay In Hindi

विज्ञान वरदान या अभिशाप पर निबंध 250 शब्दों में (Science Boon or Bane Essay 250 Words)

आज के युग को विज्ञान का युग कहा जाता है। वर्तमान समय में वैज्ञानिक युग की वजह से मनुष्य का जीवन बहुत ही अधिक प्रभावित हुआ है। वैज्ञानिक युग की वजह से आज के समय में इतनी टेक्नोलॉजी और सुख सुविधाएं संपन्न हो पाई है। चाहे वह संचार के माध्यम में देखी जाए या यातायात के रूप में देखी जाए।

वर्तमान में विज्ञान ने इतनी तरक्की कर ली है कि हर प्रकार के निर्माण को संभव बना लिया है। आसमान में कई ऊंचाइयां और पाताल में हजारों किलोमीटर की गहराइयों को नापना संभव हो गया है।

इतिहास गवाह है, मनुष्य पहले जानवरों की तरह रहता था। लेकिन विज्ञान की वजह से मनुष्य का जीवन आज चकाचौंध से संपूर्ण है। विज्ञान की वजह से ही मनुष्य दिन प्रतिदिन आधुनिक युग में बढ़ रहा है। विज्ञान की वजह से मनुष्य का जीवन पूरी तरह से बदल गया है और इसी वजह से विज्ञान मनुष्य के लिए वरदान के रूप में सामने आया है।

लेकिन दूसरी तरफ विज्ञान के कुछ नुकसान भी है। जैसे विज्ञान के माध्यम से जो टेक्नोलॉजी बढ़ रही है। उस टेक्नोलॉजी से देश में प्रदूषण बढ़ रहा है। जो मनुष्य जीवन के लिए अभिशाप के रूप में सामने आया है। विज्ञान का अर्थ विशिष्ट ज्ञान होता है, जो हर विषय से संबंधित व्यवस्थित ज्ञान एकत्रित करके उस विषय के बारे में छानबीन का कार्य विज्ञान के माध्यम से किया जाता है।

मनुष्य का जीवन आज बेहद दुख के साथ गुजर रहा है, इसके पीछे विज्ञान का हाथ है। विज्ञान की वजह से ही आज मनुष्य सुखमय जीवन व्यतीत कर रहा है।

Vigyan Vardan ya Abhishap Essay In Hindi

विज्ञान वरदान या अभिशाप हिंदी निबंध 300 words (Vigyan Vardan ya Abhishap Par Nnibandh)

आज के समय में जिस टेक्नोलॉजी का उपयोग हम अपने दिनचर्या में मुख्य रूप से कर रहे हैं, उसके पीछे विज्ञान का ही हाथ है। विज्ञान के जरिए ही यह सारी टेक्नोलॉजी और संपूर्ण खोजें संभव हुई है।

विज्ञान क्या है?

विज्ञान का अर्थ विशिष्ट ज्ञान होता है। हर वस्तु और हर चीज के बारे में व्यवस्थित और विशेष प्रकार का ज्ञान ही विज्ञान कहलाता है।

दूसरे शब्दों में प्रकृति में उपस्थित भक्तों की क्रमबद्ध अध्ययन से प्राप्त ज्ञान को विज्ञान कहते हैं। विज्ञान के आधार पर वस्तु की प्रकृति और व्यवहार का पता लगाया जाता है और उसके गुणों की पहचान की जाती है।

विज्ञान की वजह से ही मनुष्य का विकास हुआ है। मनुष्य का पुराना जीवन बिल्कुल अलग था और विज्ञान की वजह से आज का मनुष्य का जीवन चकाचौंध से भरा हुआ है। हर सुख-सुविधा मनुष्य के पास है।

विज्ञान ने पूरे संसार को एक जगह से दूसरी जगह तक जोड़ दिया है। देश के हर कोने में विज्ञान के उपकरण आपको मिल जाएंगे, इससे यह साबित होता है कि विज्ञान ने अपने दम पर पूरे संसार को अपने काबू में ला दिया है।

विज्ञान के फायदे

  • मनुष्य को आधुनिक युग में लाने का मुख्य काम विज्ञान के द्वारा ही किया गया। विज्ञान की वजह से ही मनुष्य आज आधुनिक युग में जी रहा है।
  • विज्ञान की वजह से बिजली और बिजली पर चलने वाले सभी उपकरण का निर्माण संभव हुआ है।
  • विज्ञान की वजह से संचार के साधन का निर्माण हुआ, जिसकी वजह से आज व्यक्ति संसार के किसी भी कोने में बैठ व्यक्ति से 1 मिनट में बात कर सकता है और वीडियो कॉल के जरिए उसे देख भी सकता है।
  • कृषि के क्षेत्र में भी विज्ञान की वजह से ही आधुनिकीकरण देखने को मिल रहा है। पहले बेल से हल जोतने का काम किया जाता था और उसमें लंबा समय लगता था। ट्रैक्टर के विकास के जरिए इन सभी कार्यों को सरल बना दिया गया है। खेती के कार्य के लिए हजारों उपकरण का निर्माण हो चुका है, जो खेती को बिल्कुल आसान बना चुके हैं।

विज्ञान वरदान है या अभिशाप पर निबंध (500 शब्द)

पूरे संसार को बदलने का काम विज्ञान ने किया है। पुराने जमाने में मनुष्य बहुत ही अलग तरीके से यानी कि पशुओं की तरह जीवन यापन करता था। जंगलों में रहता था और फल फ्रूट और मांस खाकर अपना जीवन यापन करता था लेकिन आज के समय में मनुष्य का लाइफस्टाइल विज्ञान ने पूरी तरह से बदल दिया है।

विज्ञान की वजह से मनुष्य की जिंदगी में चार चांद लग गए हैं। विज्ञान ने ही मनुष्य को इतना डिजिटल और आधुनिक बना दिया है। अब हम विज्ञान वरदान है या अभिशाप इसके बारे में हम आपको जानकारी देने का प्रयास करेंगे।

विज्ञान की खोज कब और किसने की?

विज्ञान की खोज एक रहस्यमई खोज के रूप में साबित हुई है। विज्ञान की खोज 16वी और 17वीं शताब्दी के मध्य शुरू हुई। 19वीं शताब्दी में पहली बार वैज्ञानिक शब्द का प्रयोग विलियम रोवेल द्वारा 1883 में किया गया। उसके पश्चात जो लोग प्रकृति पर जांच और रिसर्च करते थे, उन्हें प्राकृतिक दार्शनिक के नाम से पुकारा जाता था।

विज्ञान का जनक गैलीलियो गैलीली को कहा जाता है। विज्ञान शब्द की उत्पत्ति ज्ञान शब्द से हुई, जहां भी उपसर्ग लगाने से विज्ञान शब्द का निर्माण हुआ। विज्ञान का अर्थ विशिष्ट ज्ञान है।

विज्ञान के बारे

जब से विज्ञान की खोज हुई है तब से नई नई टेक्नॉलजी और नए-नए आविष्कार दिन प्रतिदिन देखने को मिल रहे हैं। विज्ञान के जरिए हर चीज को विशिष्ट और व्यवस्थित रूप से स्पष्ट किया जा रहा है, जिससे नई टेक्नोलॉजी के आविष्कार हो रहे हैं और नए उपकरण बन कर तैयार हो रहे हैं। विज्ञान ने ही आज तकलीफ मनुष्य को अंतरिक्ष तक पहुंचाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

विज्ञान की विशेषताएं

  • विज्ञान की वजह से हजारों उपकरण बने हैं, जिनका उपयोग आज के समय हम अपने दिनचर्या में कर रहे हैं।
  • विज्ञान के कारण कृषि क्षेत्र में ट्रैक्टर, थ्रेसर, कंपाइन, हेकर ऐसी मशीनों का निर्माण हुआ है और इसी वजह से हम इनका प्रयोग करके कृषि कार्य को आसान बना रहे हैं।
  • वाशिंग, मशीन, फ्रिज, कूलर व आयरन जैसी मशीनों का प्रयोग हम सामान्य जीवन में कर रहे हैं। इनका निर्माण भी विज्ञान की वजह से ही हुआ है।
  • हेलीकॉप्टर और हवाई जहाज का निर्माण भी विज्ञान की वजह से हुआ है।
  • मोबाइल और स्मार्टफोन के साथ-साथ कंप्यूटर और लैपटॉप का निर्माण भी विज्ञान की वजह से ही हुआ है।
  • परमाणु बम जैसे आविष्कार भी विज्ञान की वजह से ही संभव हुए हैं।
  • जिन गाड़ियों पर बैठकर हम 10 मिनट में कहां से कहां पहुंच सकते हैं। इसका विकास भी विज्ञान की वजह से संभव हुआ है।
  • विज्ञान ने मनुष्य की जिंदगी को पूरी तरह से बदल दिया है।

विज्ञान के नुकसान और अभिशाप

आज के समय में जितने फायदे विज्ञान के द्वारा हमें मिल रहे हैं, उसके नुकसान भी हमें मिल रहे हैं। विज्ञान के अभिशाप कुछ इस प्रकार से है:

  • जन संचार साधन का प्रयोग करके हम दुनिया के किसी भी कोने में बैठे व्यक्ति से बात कर रहे हैं। यही संचार के साधन से निकलने वाली तरंगें मधुमक्खियों और पक्षियों के जीवन को खतरे में डाल रही है।
  • वाहनों से निकलने वाला धुआं प्रदूषण बढा रहा है और प्रदूषण से ग्लोबल वार्मिंग जैसी समस्या पैदा हो रही है, जिससे मनुष्य का जीवन पूरी तरह से संकट में है।
  • यह विज्ञान जिसकी वजह से जो परमाणु बम का निर्माण हुआ है, उसका अगर गलत उपयोग हो गया तो मनुष्य जाति का विनाश हो जाएगा। इसका सीधा-साधा उदाहरण जापान के हिरोशिमा और नागासाकी है।

विज्ञान से हो रही तरक्की मनुष्य के जीवन को आगे बढ़ा रही है। लेकिन दूसरी तरफ इसके कई नुकसान भी है। अतः मनुष्य का जीवन विज्ञान ने जितना सुख और समृद्धि बनाया है। उतना ही मनुष्य के जीवन को विज्ञान ने संकट में डाला है।

इसीलिए कहा जाता है कि विज्ञान की वजह से जितना फायदा मिल रहा है। उतना आपको नुकसान भी हो रहा है। मानव प्रजाति के लिए विज्ञान वरदान के साथ-साथ अभिशाप भी है।

विज्ञान वरदान या अभिशाप पर निबंध (1200 शब्द)

आज का युग विज्ञान का युग हैं। आज के वैज्ञानिक युग में मनुष्य के जिले में बहुत ही ज्यादा प्रभाव उत्पन्न की हैं। आज मनुष्य के जीवन में जितनी भी गतिविधियां हो रही हैं, वह सभी विज्ञान की वजह से ही संभव हैं। आज के समय में पुराने रहस्य को भी खोज ले गया हैं। वर्तमान में विज्ञान की वजह से आकाश की ऊंचाइयों से लेकर पाताल की गहराइयों को नापा जा सकता हैं।

मनुष्य ने जो भी प्रगति की हैं, उसका इतिहास साक्षी हैं। मानव कभी जानवर की तरह गुफाओं में अपने दिन व्यतीत करता था। कच्चा मांस खाता था और फल खाता था। पौधों की पत्तियों और  छालों को वस्त्र की तरह पहनता था।

धीरे-धीरे उसने आग जलाना सीखा और वह निरंतर आगे बढ़ता रहा और वर्तमान में बहुत ज्यादा आगे बढ़ गया हैं। विज्ञान की वजह से यह मनुष्य के जीवन बहुत ज्यादा बन गया हैं। वह आसमान की ऊंचाइयों को छू रहा हैं। विज्ञान वरदान या अभिशाप दोनों के रूप में प्रस्तुत हुआ हैं।

विज्ञान का अर्थ

विज्ञान का अर्थ होता हैं विशिष्ट ज्ञान। किसी विषय वस्तु के बारे में विशेष और व्यवस्थित ज्ञान विज्ञान हैं। जब किसी के पास विशेष ध्यान होता है तभी वह विशेष कार्य कर पाता हैं। विज्ञान शब्द और दर्शन का शास्त्र हैं। वर्तमान के जितने भी अविष्कार तथा खोजे है वह विज्ञान के कारण हैं।

हम देख सकते हैं कि हमारे आसपास की प्रत्येक वस्तु जिनका उपयोग हम करते हैं, वह सब विज्ञान का ही अविष्कार हैं। आज जिस मनुष्य के पास विज्ञान हैं, उसका जीवन सभ्य हैं। जिसके पास विज्ञान नहीं उसका जीवन निर्रथक हैं।

विज्ञान ने अपने बल पर पूरे संसार को एक परिवार बना दिया हैं। आज के समय मे कोई भी जगह ऐसी नहीं जहां विज्ञान के उपकरण मौजूद न हो।

विज्ञान के लाभ

आज मनुष्य के जीवन विज्ञान की वजह से ही सुखमय हो गया हैं। आज के समय में विज्ञान मनुष्य के जीवन से जुड़ गया हैं। विज्ञान के बिना मनुष्य अपने जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकता हैं। विज्ञान ने मनुष्य के जीवन को सहज बनाने के लिए बहुत सारे आविष्कार किये हैं। जैसे खेती को सरल बनाने के लिए हैकर, ट्रेकटर, कम्पाईन जैसी मशीने घरेलू कामों को सरल बनाने के लिए प्रेस, फ्रिज, जैसी मशीनों का अविष्कार किया गया हैं।

आविष्कारो की वजह से ही आजकल मरने वालों की संख्या में कमी आ रही हैं। विभिन्न प्रकार की बीमारियों के हल खोज लिए गए हैं। आज के समय में दुश्मनों से अपने रक्षा करने के लिए बहुत सारे उपकरणों का निर्माण कर दिया गया हैं। आज के वैज्ञानिक युग में छोटी सी सुई से लेकर बड़े से बड़े अस्त्र-शस्त्र भी विज्ञान के वजह से ही बनाया जा सके हैं। इन सब का उपयोग हम प्रत्यक्ष या परोक्ष कर सकते हैं।

विज्ञान का प्रयोग

विज्ञान का प्रयोग वर्तमान में हर क्षेत्र में किए जा रहा हैं। आज कोई ऐसा क्षेत्र नहीं जहां पर विज्ञान का उपयोग नहीं किया जा रहा। मनुष्य के जीवन के हर क्षेत्र में विज्ञान एक वरदान की तरह साबित हुआ हैं।

संचार के क्षेत्र में

विज्ञान की वजह से ही टेलीविजन, रेडियो, फोन इत्यादि चीजों का आविष्कार किया जा सका हैं। विज्ञान ने संचार की सहायता से सबको एक परिवार के रूप में जोड़ दिया हैं। जहां एक स्थान से दूसरे स्थान पर बैठे व्यक्ति को हम आसानी से फोन के द्वारा देख सकते हैं।

एक दूसरे से बात कर सकते हैं। एक दूसरे को सामान आदि का आदान-प्रदान कर सकते हैं और यह सब विज्ञान की वजह से संभव हुआ हैं।

यातायात के क्षेत्र में

वर्तमान हम घर बैठे हुए ट्रेन, बस इत्यादि के टिकट आसानी से फोन पर बैठे बुक करवा सकते हैं। यह सब विज्ञान की वजह से ही संभव हो पाया हैं। विज्ञान की वजह से ही वर्तमान में इतने सारे यातायात संचार साधनों का भी निर्माण तथा विकास हो पाया हैं, जिसके कारण हम लंबी दूरी को कुछ ही पलों और घंटों में तय करके एक स्थान से दूसरे स्थान पर जा सकते हैं। इससे समय तथा धन दोनों की बचत हुई हैं।

दैनिक जीवन में

विज्ञान की वजह से ही मनुष्य का दैनिक जीवन बहुत ही ज्यादा सरल हुआ हैं। वर्तमान में मनुष्य हर काम के लिए जो भी वस्तुओं का उपयोग करता हैं, वह सब विज्ञान के ही अविष्कार हैं। जैसे कि वाशिंग मशीन, फोन, प्रेस आदि का उपयोग करके मनुष्य अपने दैनिक जीवन के कार्य बहुत आसानी से और जल्दी कर सकता हैं।

औषधि के क्षेत्र में

जिस तरह से विज्ञान ने मनुष्य के जीवन के हर क्षेत्र में प्रगति की हैं, उसी तरह नई-नई बीमारियां भी उत्पन्न हुई हैं। वर्तमान में मनुष्य भयंकर संक्रामक रोगों से ग्रसित हैं। परंतु इन सब का भी इलाज संभव हैं, वह सिर्फ विज्ञान की वजह से।

औद्योगिक क्षेत्र में

औद्योगिक क्षेत्र में विज्ञान में बहुत ज्यादा विकास किया हैं। इसके कारण ही बड़ी-बड़ी मशीनों का आविष्कार किया जा सका हैं। उनके कारण ही उद्योग व कल कारखानों का विकास हुआ हैं। जिससे समय, धन आदि की बचत हुई हैं। लोगों को रोजगार प्राप्त हुआ हैं। विज्ञान की वजह से ही कार्य आसानी और सरलता से किए जा सकते हैं।

शिक्षा के क्षेत्र में

शिक्षा के क्षेत्र में भी विज्ञान का बहुत बड़ा योगदान हैं। इसके कारण कंप्यूटर, लैपटॉप जैसे उपकरणों का निर्माण हुआ हैं। जिससे हम शिक्षा से संबंधित सभी जानकारियां प्राप्त कर सकते हैं और आसानी से उस पर अपना कार्य कर सकते हैं।

विज्ञान की हानियां/अभिषाप

विज्ञान ने जहां हमें बहुत सारे लाभ प्रदान किये हैं। वहीं इससे बहुत ज्यादा हनिया भी हुई हैं। विज्ञान ने मनुष्य के जीवन को  जितना सरल बनाया हैं, उतना ही जटिल भी बनाए हैं। जैसे बंदूक, परमाणु बम, जहरीली गैस आदि के प्रयोग मनुष्य का जीवन दुश्वार हुआ हैं।

मनुष्य को अपने भविष्य के प्रति विज्ञान ने चिंतित कर दिया हैं। वर्तमान में विश्व की सभी शक्तियों ने आइटम बम आदि का निर्माण कर रखा हैं, जिससे कि हर वक्त भय का वातावरण बना रहता हैं। इनकी वजह से प्रदूषण बठा हैं।

प्राचीन समय में लोग अपना जीवन जिस प्रकार से व्यतीत कर रहे थे, उससे कई बेहतर जीवन वर्तमान समय में लोग अपना गुजार रहे हैं। विज्ञान की वजह से ही यह टेक्नोलॉजी और विकास संभव हुआ है। लेकिन इसका कई प्रकार के दुष्प्रभाव भी है। विज्ञान के माध्यम से बढ़ती टेक्नोलॉजी की वजह से कई बीमारियां और प्रदूषण भी बढ़ रहा है।

विज्ञान वरदान या अभिशाप दोनों हैं। विज्ञान का सही उपयोग किया जाता हैं तो इससे हमारे जीवन बहुत ही सरल बन सकता हैं और यदि इसका दुरुपयोग किया जाए तो हमारा जीवन दुश्वार हो सकता हैं और संपूर्ण विश्व पृथ्वी जगत को इससे खतरा उत्पन्न हो सकता हैं।

विज्ञान वरदान या अभिशाप हमारे द्वारा प्रयोग किए जाने पर निर्भर करता हैं। यदि हम उसका उचित उपयोग करेंगे तो ये हमारे लिए वरदान हैं। यदि हम उसका दुरुपयोग करेंगे तो हमारे अभिशाप बन जाएगा।

विज्ञान वरदान या अभिशाप पर निबंध PDF

हमने यहाँ पर विज्ञान वरदान या अभिशाप पर निबंध को पीडीऍफ़ के रूप में उपलब्ध किया है, जिसे आप आसानी से डाउनलोड करके अपने प्रोजेक्ट आदि के रूप में प्रयोग में ले सकते है।

आज के आर्टिकल में हमने विज्ञान वरदान या अभिशाप पर निबंध (Vigyan Vardan ya Abhishap Essay In Hindi) के बारे में संपूर्ण जानकारी आप तक पहुंचाई है। हमें पूरी उम्मीद है कि हमारे द्वारा दी गई यह जानकारी आपको अच्छी लगी होगी।

  • विज्ञान के चमत्कार पर निबंध
  • विज्ञान का महत्व पर निबंध
  • सोशल मीडिया के फायदे और नुकसान पर निबंध

Rahul Singh Tanwar

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Essay On Digital Shiksha Ek Vardan Hai Ya Abhishap

डिजिटल शिक्षा एक वरदान है या अभिशाप पर निबंध-Essay On Digital Shiksha

Essay On Digital Shiksha Ek Vardan Hai Ya Abhishap – हेलो दोस्तों, आज हम अपना लेख डिजिटल शिक्षा पर लेकर आए हैं। क्योंकि, वर्तमान समय में डिजिटल शिक्षा का महत्व बहुत अधिक बढ़ गया है। डिजिटल शिक्षा का संबंध आज की आधुनिक शिक्षा से है। जिसे तकनीकी सहायता से विद्यार्थियों तक पहुंचाया जाता है। लेकिन, आज के हमारे इस लेख से हमें है। जानेंगे कि क्या सच में डिजिटल शिक्षा सभी विद्यार्थियों के लिए उपयोगी है, या नहीं। डिजिटल शिक्षा का यह वरदान कहीं कुछ विद्यार्थियों के लिए अभिशाप तो नहीं बन गया है। हम उम्मीद करते हैं कि हमारा यह लेख आपके लिए बहुत उपयोगी होगा।

प्रस्तावना –  

आज का हमारा युग पूरी तरह आधुनिक युग बन गया है। जहां प्रत्येक कार्य को कंप्यूटर और इंटरनेट की सहायता से जल्दी व आसानी से किया जा सकता है। सभी प्रकार के व्यवसायिक क्षेत्रों में प्रत्येक कार्य आधुनिक तकनीकी और डिजिटल हो गए हैं। उसी प्रकार शिक्षा के क्षेत्र में भी कार्य को डिजिटल रूप से किया जाने लगा है। डिजिटल शिक्षा का मुख्य आधार इंटरनेट है। इसकी सहायता से शिक्षा ग्रहण की जा सकती है। कोरोनावायरस जैसी महामारी की बाद तो डिजिटल कार्य को और डिजिटल शिक्षा को और महत्व दिया जाने लगा है।

डिजिटल शिक्षा क्या हैं ? ( Essay On Digital Shiksha)

Essay On Digital Shiksha Ek Vardan Hai Ya Abhishap

डिजिटल शिक्षा का अर्थ है- किसी तकनीकी सहायता से और इंटरनेट के माध्यम से घर बैठे विद्यार्थियों को शिक्षा प्रदान करना है या शिक्षा ग्रहण करना।

यह शिक्षा मुख्य रूप से कंप्यूटर, मोबाइल, लैपटॉप आदि के माध्यम से इंटरनेट से जोड़कर की जाती है। शिक्षा के माध्यम से विद्यार्थी घर बैठे भी शिक्षा ग्रहण कर सकते हैं। उसके लिए विद्यार्थियों को विद्यालय जाने की आवश्यकता नहीं है। उसी तरह अध्यापकों को भी की विद्यालय जाने की आवश्यकता नहीं पड़ती है। वो भी डिजिटल शिक्षा के माध्यम से बच्चों से जुड़ सकते हैं, और उन्हें ज्ञान प्रदान कर सकते हैं। डिजिटल शिक्षा में एक अध्यापक एक साथ अपने सभी विद्यार्थियों को भी पढ़ा सकता है। 

डिजिटल शिक्षा की उपयोगिता

वर्तमान समय में डिजिटल शिक्षा का महत्व बहुत बढ़ गया है। क्योंकि इससे विद्यार्थियों को कई प्रकार के लाभ मिलने लगे हैं। विद्यार्थियों को घर बैठे ही शिक्षा प्राप्त होने लगी है। उनका विद्यालय में आने जाने का समय भी बचने लगा है। और कोरोना वायरस नामक महामारी आने के बाद डिजिटल शिक्षा का चलन और बढ़ गया है। इस प्रकार की शिक्षा के माध्यम से बच्चों को इस महामारी से बचाया जा सकता है।

डिजिटल शिक्षा एक वरदान है या अभिशाप पर निबंध

Essay On Digital Shiksha Ek Vardan Hai Ya Abhishap

वर्तमान समय में डिजिटल शिक्षा जहां एक वरदान साबित हुई है। वही कुछ विद्यार्थियों के लिए यह एक अभिशाप भी बन गई है। जहां कुछ विद्यार्थियों के लिए यह सुविधाएं लेकर आई है। वहीं कुछ विद्यार्थियों के लिए डिजिटल शिक्षा परेशानी भी बन गई है। डिजिटल शिक्षा प्राप्त करने में कुछ कमियां है। जिनसे कुछ विद्यार्थी इस शिक्षा के माध्यम से ज्ञान प्राप्त नहीं कर सकते हैं। इसका अधिक उपयोग में बच्चों को शारीरिक और मानसिक रूप से बीमार कर रहा है। छोटे बच्चे इंटरनेट के माध्यम से पढ़ाई छोड़ कर कुछ गलत चीजें भी सीख रहे हैं। डिजिटल शिक्षा की और भी कमियां है।

डिजिटल शिक्षा के कमियां

  • जहां डिजिटल शिक्षा के अनेक फायदे हैं, वही इसके कुछ कमियां भी है। डिजिटल शिक्षा पूरी तरह तकनीक पर आधारित है। कंप्यूटर, लैपटॉप, मोबाइल और इंटरनेट के अभाव में डिजिटल शिक्षा के द्वारा शिक्षा ग्रहण नहीं की जा सकती।
  • डिजिटल शिक्षा बहुत ही खर्चीली शिक्षा है। पैसों के अभाव में भी इस शिक्षा का उपयोग नहीं किया जा सकता।
  • लैपटॉप, मोबाइल, कंप्यूटर आदि पर लगातार बैठे रहने से विद्यार्थियों के शारीरिक और मानसिक रूप से भी हानिकारक है। 
  • डिजिटल शिक्षा का जरूरत से ज्यादा उपयोग भी विद्यार्थियों के माता-पिता पर एक बोझ डालता है।
  • आर्थिक रूप से कमजोर माता-पिता अपने बच्चे को इस प्रकार की शिक्षा उपलब्ध नहीं करा सकते।
  • पहाड़ी क्षेत्रों के विद्यार्थीयों को भी इंटरनेट की कमी के कारण वो डिजिटल शिक्षा को ग्रहण नहीं कर सकते।

उपसंहार – 

बढ़ती हुई आधुनिक दुनिया में जहां डिजिटल शिक्षा से कई प्रकार के लाभ ग्रहण किए जाते हैं। वही कुछ इसके हानिकारक प्रभाव भी देखने को मिलते हैं। इसका अधिक से अधिक उपयोग भी परेशानी खड़ी कर देता है। अतःडिजिटल शिक्षा का उपयोग जरूरत के हिसाब से ही होना चाहिए। या फिर इसकी कमियों को दूर किया जाना चाहिए।

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इस प्रकार हमारे आज के Essay On Digital Shiksha Ek Vardan Hai Ya Abhishap में हमने यह जाना कि डिजिटल शिक्षा की उपयोगिता हमारे लिए कितनी होनी चाहिए। डिजिटल शिक्षा वरदान है या अभिशाप। हमारा यह लेख आप सभी को पसंद आए तो इसे अपने अन्य दोस्तों के साथ भी शेयर करें। ऐसे किसी विषय को लेकर निबंध जानने के लिए भी आप हमें कमेंट कर सकते हैं। आपका यह लेख पढ़ने के लिए धन्यवाद!

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Digital shiksha vibhag ka nibandh

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hindi essay on internet vardan ya abhishap

Essay on Internet in Hindi, हिंदी में इंटरनेट पर निबंध

Essay on Internet in Hindi

Internet Essay in Hindi  इंटरनेट पर निबंध कक्षा 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11 and 12.

Essay on Internet in Hindi – इंटरनेट पर निबंध – इस लेख में हम आपको इंटरनेट के बारे में सम्पूर्ण जानकारी देने का प्रयास करेंगे। आज के आधुनिक युग में अधिकतर काम इंटरनेट के माध्यम से करना बहुत ही आसान व् सुविधाजनक हो गया है। अतः इंटरनेट के बारे में सभी को सम्पूर्ण जानकारी होनी चाहिए। इंटरनेट की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए हमने इस निबंध में अधिक-से-अधिक जानकारियों को जुटाने का प्रयास किया है। आशा करते हैं कि हमारे द्वारा दी गई जानकारी आपके लिए सहायक सिद्ध होगी।

  • सामग्री – (Content)

इंटरनेट का अर्थ

इंटरनेट का इतिहास एवं आविष्कार, इंटरनेट से सम्बद्धत्ता के स्तर, इंटरनेट का महत्त्व, इंटरनेट का उपयोग, इंटरनेट के लाभ, इंटरनेट की हानियाँ.

Full Form of Internet   प्रस्तावना ‘इंटरनेट’ शब्द को आज सभी लोग जानते हैं। बच्चे हों या बड़े सभी लोग इसका प्रयोग करना अच्छी तरह से जानते हैं। अगर सही अर्थों में देखा जाए तो आज इंटरनेट हम सभी के लिए जीने की वजह बन चुका है। इंटरनेट ने आज हमारी बहुत सी मुश्किलों को आसान कर दिया है जिसकी वजह से हमें हर काम बहुत आसान लगता है। 100 साल पहले किसी ने भी यह नहीं सोचा होगा कि इंसान खुद ही किसी ऐसी चीज़ की रचना कर देगा, जिससे दुनिया की तमाम सारी जानकारी एक ही स्थान पर बहुत ही आसानी से मिल जाएगी और दुनिया के लगभग सभी देश आपस में जुड़े होंगे।. इंटरनेट हमारे आज के जीवन में बहुत ही महत्वपूर्ण हो गया है। आज के समय में इंटरनेट दुनिया का सबसे बड़ा और सबसे लोकप्रिय नेटवर्क बन चुका है। इंटरनेट को आधुनिक और उच्च तकनीकी विज्ञान का आविष्कार भी माना जाता है। दुनिया भर के सभी नेटवर्क इंटरनेट से जुड़े हुए हैं इस तरह से हम इसे नेटवर्कों का नेटवर्क भी कह सकते हैं।

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इंटरनेट आई. टी. के क्षेत्र में क्रांति लाने वाला विश्व का सबसे बलशाली और सबसे बड़ा नेटवर्क है। इसे संक्षिप्त में नेट भी कहा जाता है क्योंकि इंटरनेट एक दूसरे से जुड़े बहुत सारे कम्प्यूटरों का जाल है जो कि उपग्रहों, केवल तंतु प्रणालियों, एल.ए.एन, और वी.ए.एन प्रणालियों तथा टेलीफोनों के जरिए सम्पूर्ण विश्व के करोड़ों कम्प्यूटर्स एवं उपनेटवर्क्स को आपस में जोड़ता है। दूसरे शब्दों में कहे तो संसाधनों को साँझा करने अथवा सूचनाओं का आदान प्रदान करने के लिए टी.सी.पी/आई.पी प्रोटोकॉल के द्वारा दो अथवा कई कम्प्यूटर्स को एक साथ जोड़कर अंत:सम्बन्ध स्थापित करने की प्रक्रिया को इंटरनेट कहते हैं तथा इनके बीच की साँझा करने की प्रकिया को कंप्यूटर नेटवर्क्स कहते है। कंप्यूटर नेटवर्क्स के अनेकों रूप हैं, जिनमें से कुछ प्रमुख है एल.ए.एन, इंटरनेट एवं इंट्रानेट।

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पहले के समय में जब लोगों के पास इंटरनेट की सुविधा नही थी, तो उन्हें कई प्रकार के सामान्य कार्यों के लिये भी कई घंटों तक लाइनों में लगे रहना पड़ता था जैसे रेलवे का टिकट लेने, बिजली का बिल जमा करने तथा आवेदन पत्र जमा करने जैसे कार्यों के लिए काफी दिकक्तों का सामना करना पड़ता था। लेकिन आधुनिक समय में लोग बस एक क्लिक से टिकट की बुकिंग कर सकते हैं, साथ ही एक सॉफ्ट कॉपी अपने मोबाईल फोन में भी रख सकते हैं। इंटरनेट अपने आप में कोई अविष्कार नहीं है। इंटरनेट टेलीफोन, कंप्यूटर व दूसरी तकनीक को इस्तेमाल करके बनाया गया एक ऐसा जाल है जिसमें सूचना व तकनीक का साँझा  उपयोग किया गया है। 1969 में टिम बर्नर्स ली ने इंटरनेट का आविष्कार किया। इसे सबसे पहले सन् 1969 में अमेरिका के प्रतिरक्षा विभाग द्वारा एडवांस रिसर्च प्रोजेक्ट एजेंसी नेटवर्क के गुप्त आंकड़ों और सूचनाओं को दूर दराज़ के विभिन्न राज्यों तक भेजने व प्राप्त करने में लाया गया था। हमारे भारत देश में इंटरनेट 1980 के दशक में आया था। इंटरनेट के सुगम इस्तेमाल को एप्पल नाम की कंपनी ने सन् 1984 में कंप्यूटर में फाइल फोल्डर और ग्राफिक्स का इस्तेमाल किया जिसके कारण आज इंटरनेट चलाना बहुत आसान है अगर एप्पल कंपनी नहीं होती तो आज भी हमें कोडिंग करके ही इंटरनेट का इस्तेमाल करना पड़ता। कंप्यूटर का विकास होने के बाद उनमें जमा आंकड़ों और सूचनाओं के आदान-प्रदान की आवश्यकता अनुभव की गयी और इसी अनुभव ने विभिन्न विश्वविद्यालयों, सरकार द्वार प्रायोजित कंप्यूटर नेटवर्क तथा शोध व शिक्षा के लिए इंटरनेट का विकास किया गया। धीरे-धीरे इंटरनेट के विकास के साथ इसके फायदे और महत्त्व हर क्षेत्र में दिखाई देने लगे और यह तकनीक पूरी दुनिया में इंटरनेट क्रांति के रूप में फैल गया। इंटरनेट की दुनिया में, यह कोई ज़रुरी नहीं है कि कोई व्यक्ति अपने व्यापारिक या निजी मुलाकात के लिए घंटों यात्रा करके किसी स्थान पर जाए। आज के समय में हम वीडियों कॉन्फ्रेंस, कॉलिंग, स्काईप या दूसरे तरीकों से अपनी जगह पर रह कर ही किसी भी व्यापारिक या निजी बैठक का हिस्सा बन सकते हैं। इंटरनेट के प्रारंभिक चरण में इसकी स्पीड के.बी.पी.एस में होती थी, फिर धीरे-धीरे एम.बी.पी.एस और अब जी.बी.पी.एस में इसकी स्पीड होती है, जो की बहुत तेज़ी से सूचनाओं का आदान-प्रदान करने में काम करती है।   Top  

इंटरनेट को देखने और उससे सूचना एकत्रित करने के कार्य को सर्फिंग (Surfing) कहते है। वैसे तो सर्फिंग करने का तरीका कठिन नहीं है परन्तु सूचनाएँ इंटरनेट पर प्रविष्ट करने के लिए सॉफ्टवेयर बनाने की आवश्यकता होती है, लेकिन सॉफ्टवेयर बनाना काफी कठिन कार्य है। इंटरनेट की अपनी एक दुनिया है और इस दुनिया से सम्बद्धता (Connectivity) करने के तीन स्तर होते हैं। प्रथम स्तर पर उपभोक्ता केवल इंटरनेट पर सूचनाएँ या जानकारी देख सकता है। द्वितीय स्तर पर उपभोक्ता इंटरनेट का एक आंशिक भाग बन जाता है और सूचनायें एकत्रित करने के अलावा वह अपनी वेबसाइट भी बना सकता है। तृतीय स्तर पर उपभोक्ता स्वयं इंटरनेट प्रणाली का मुख्य हिस्सा बन जाता है।

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(i) मेट्रो, रेलवे, व्यापारिक उद्योग, दुकान, स्कूल, कॉलेज, शिक्षण संस्थान, एनजीओ, विश्वविद्यालय, कार्यालय (सरकारी तथा गैर-सरकारी) में हर डाटा को कंप्यूटरीकृत करके बड़े स्तर पर कागज़ और कागज़ी कार्यों से बचा जा सकता है, ऐसा करने से कार्यों में पारदर्शिता भी बढ़ेगी। (ii) इंटरनेट मनुष्य को विज्ञान द्वारा दिया गया एक सर्वश्रेष्ठ उपहार है। इंटरनेट अनंत संभावनाओं का साधन है। इंटरनेट के माध्यम से हम कोई भी सूचना, चित्र, वीडियो आदि दुनिया के किसी भी कोने से किसी भी कोने तक पल भर में भेज सकते हैं। इंटरनेट के माध्यम से हम ई-मेल भेज सकते हैं और प्राप्त भी कर सकते हैं। (iii) यह संदेश भेजने का और प्राप्त करने का सबसे सरल और सस्ता साधन है। इंटरनेट के माध्यम से हम दुनिया के किसी भी कोने में बैठे हुए अपने दोस्त अथवा संबंधियों से बात कर सकते हैं। इसे इंटरनेट चैटिंग कहते हैं जिसकी वजह से फेसबुक और वाट्सएप बहुत अधिक प्रसिद्ध हो रहे हैं। (iv) इंटरनेट के माध्यम से हम अपने विचारों और वस्तुओं का पूरी दुनिया में प्रचार कर सकते हैं। यह विज्ञापन का सबसे सरल और प्रभावी माध्यम है। (v) इंटरनेट के माध्यम से हम व्यापार भी कर सकते हैं और अपनी वस्तुओं और सेवाओं का क्रय-विक्रय भी कर सकते हैं। इसका सबसे बड़ा साधन वेबसाईट है। (vi) इंटरनेट के माध्यम से हम नौकरी अथवा रोज़गार पाने के लिए अपना बायोडाटा भी इंटरनेट पर डाल सकते हैं। (vii) वास्तव में इंटरनेट एक सार्वजनिक सुविधा है और कोई भी इसका उपयोग कर सकता है। आज मानव की सफलता के पीछे इंटरनेट का बहुत बड़ा योगदान है। (viii) इसके माध्यम से एक जगह से पूरे विश्व के बारे में समय-समय पर खबर जाना जा सकता है। ढ़ेर सारी जानकारियों को जमा करने में ये बहुत दक्ष और प्रभावकारी है चाहे वो किसी भी विषय से संदर्भित हो चंद सेकेंड में ही उपलब्ध हो जाएगा। (ix) ये शिक्षा, यात्रा, और व्यापार में बहुत उपयोगी है। इसके द्वारा ऑनलाइन पब्लिक लाइब्रेरी, टेक्स्टबुक, तथा संबद्ध विषयों तक पहुँच आसान हुई है।   Top  

(i) इंटरनेट की सफलता की वजह इसकी विशेषता और उपयोगिता है। इसकी सुगमता और उपयोगिता की वजह से, ये हर जगह इस्तेमाल होता है जैसे- कार्यस्थल, स्कूल, कॉलेज, बैंक, शिक्षण संस्थान, प्रशिक्षण केन्द्रों पर, दुकान, रेलवे स्टेशन, एयरपोर्ट, रेस्टोरेंट, मॉल इत्यादि। (ii) प्रत्येक घर पर हर एक सदस्यों के द्वारा अलग-अलग उद्देश्यों के लिये। जैसे ही हम अपने इंटरनेट सेवा प्रदाता को इसके कनेक्शन के लिये पैसे देते है उसी समय से हम इसका प्रयोग दुनिया के किसी भी कोने से एक हफ्ते या उससे ज्यादा समय के लिए कर सकते हैं। ये हमारे इंटरनेट प्लान पर निर्भर करता है। (iii) आज के अत्याधुनिक वैज्ञानिक युग में कंप्यूटर हमारे जीवन का मुख्य भाग बन गया है। इसके अभाव में आज हम अपने जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकते। आज हम अपने रूम या ऑफिस में बैठे-बैठे देश-विदेश-जहाँ भी चाहें इंटरनेट द्वारा अपना संदेश भेज सकते हैं। (iv) वर्तमान में दुनिया का ऐसा कोई भी क्षेत्र नहीं है जहां पर इंटरनेट का उपयोग नहीं किया जा रहा हो। इंटरनेट सूचनाओं का भंडार है इसलिए यहां पर आपको हर प्रकार की सूचना जैसे – अंतरिक्ष, मौसम, तकनीक, दवाई, रोज़गार, शिक्षा, व्यवसाय, पत्रिका, अखबार, समाचार, साहित्य, खेल, तत्कालीन घटनाएँ, राजनीति इत्यादि अनेक प्रकार के विषयों के बारे में जानकारी उपलब्ध हो जाती है। (v) इंटरनेट का उपयोग हम ईमेल भेजने, वीडियो, चैटिंग, नेट सर्फिंग, बिल जमा कराने, टिकट बुक कराने, शॉपिंग करने के लिए, सूचनाएं बेचने और प्रदान करने के लिए, नौकरी खोजने और प्रदान करने के लिए, विज्ञापन करने के लिए, सीधे अपने ग्राहकों तक पहुंचने के लिए, मनोरंजन इत्यादि सभी कार्य करने के लिए करते है। (vi) वर्तमान में तो बच्चों की शिक्षा और उनके खेलने के लिए गेम्स भी इंटरनेट पर उपलब्ध है। (vii) विज्ञान के क्षेत्र में भी इंटरनेट ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इंटरनेट की सहायता से वैज्ञानिक एक दूसरे से जुड़कर नए नए आविष्कारों को अंजाम दे पाए है और अंतरिक्ष में घटने वाली घटनाओं की सूचना भी इंटरनेट के माध्यम से सभी को प्रदान की हैं। (viii) इसके कारण शिक्षा के क्षेत्र में तो बहुत अधिक बदलाव आया है क्योंकि पिछड़े हुए क्षेत्रों में इंटरनेट की उपलब्धता के कारण वहां के विद्यार्थियों को उत्तम शिक्षा मिल रही है, जिससे रोज़गार में वृद्धि हो रही है और देश की तरक्की भी तेजी से हो रही है। (ix) इसका अथाह ज्ञान, सूचना, जानकारी इसके संचालन के उपयोग को और अधिक बढ़ा देता है। इसकी इसी विशेषता के कारण उपयोगकर्ताओं की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है।

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(i) इंटरनेट की सहायता से हम किसी भी प्रकार की जानकारी और किसी भी सवाल का हल कुछ ही पलों में प्राप्त कर सकते हैं। (ii) इंटरनेट के माध्यम से दुनिया के किसी भी कोने में बैठे किसी भी व्यक्ति से बिना शुल्क के घंटों तक बातें कर सकते हैं। (iii) इंटरनेट एक वर्ल्ड वाइड वेब है, जिसकी सहायता से हम दुनिया के किसी भी कोने में अपनी मेल या जरूरी दस्तावेजों को पलक झपकते ही भेज सकते हैं और प्राप्त कर सकते हैं। (iv) इंटरनेट मनोरंजन का एक बहुत अच्छा माध्यम है। इंटरनेट के माध्यम से संगीत, गेम्स, फिल्म आदि को बिना किसी अतिरिक्त शुल्क के डाऊनलोड कर सकते हैं और अपनी बोरियत को दूर कर सकते हैं। (v) इंटरनेट की सहायता से बिजली, पानी और टेलीफोन के बिल का भुगतान घर पर बैठे बिना किसी परेशानी के और बिना लंबी लाईनों में खड़े हुए किया जा सकता है। इंटरनेट से हमें घर बैठे रेलवे टिकेट बुकिंग, होटल रिसर्वेशन, ऑनलाइन शौपिंग, ऑनलाइन पढाई, ऑनलाइन बैंकिंग, नौकरी, खोज आदि सुविधाएँ मिल जाती हैं। (vi) इंटरनेट के माध्यम से होने वाले वित्तीय एवं वाणिज्यिक प्रयोगों ने बाजार की अभिधाराणाओं को एक नई रूप रेखा प्रदान की है। (vii) सोशल नेवर्किंग साइट्स के माध्यम से हम नए-नए दोस्त बना सकते हैं जिससे हमें बहुत कुछ नया सीखने को मिलता है। (viii) सोशल नेवर्किंग साइट्स के माध्यम से हम किसी भी खबर को एक ही पल में एक ही शेयर से बहुत सारे लोगों तक पहुंचा सकते हैं। (ix) जो लोग किसी समस्या की वजह से रेगुलर क्लास लगाकर नहीं पढ़ सकते उनके लिए इंटरनेट क्रांतिकारी बदलाव लाया है। आज के समय में ऑनलाइन क्लासेस के माध्यम से कोई भी व्यक्ति घर पर ही पढकर परीक्षा दे सकता है। (x) सुयोग्य वर-वधु की तलाश को भी इंटरनेट ने आसान कर दिया है। इंटरनेट पर ऐसी बहुत सी मैट्रीमोनी साइट्स है जिन पर आप अपनी पसंद के जीवन-साथी की तलाश कर सकते हैं। (xi) जो लोग पार्ट टाइम जॉब करके पैसा कमाना चाहते हैं उनके लिए भी इंटरनेट एक वरदान के समान है। आज के समय में बहुत सारी ऑनलाइन जॉब्स उपलब्ध हैं जिससे घर बैठे ही पैसा कमाया जा सकता है। (xii) कुकिंग सीखने के लिए भी अब कोई कुकिंग क्लासेज में पैसा बर्बाद करने की जरूरत नहीं है। आपको जो भी सीखना हो वो आप यू-ट्यूब पर लाइव देखकर सीख सकते हैं। (xiii) इंटरनेट सेवा के माध्यम से अब ई कॉमर्स और ई बाजार कर बढ़ते चलन ने सेवा प्रदाताओं और उपभोक्ताओं के बीच की दूरी को मिटा दिया है। (xiv) इंटरनेट एक-दूसरे से जोड़ने में मदद करता है। आज के समय में इंटरनेट पर ऐसे बहुत से माध्यम मौजूद हैं जिनकी सहायता से हम एक-दूसरे से जुड़े रह सकते हैं। इससे हमें किसी के दूर होने का अहसास नहीं होता है। (xv) इंटरनेट हमारी पढाई में भी बहुत मदद करता है। आज के समय में बाजार में किताबें बहुत ही महंगी आती हैं और प्रत्येक व्यक्ति उन्हें खरीद नहीं सकता है। आप उन्हें इंटरनेट की सहायता से पढ़ सकते हैं और डाऊनलोड भी कर सकते हैं।

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इंटरनेट का उपयोग लेना लाभप्रद है लेकिन इसका अत्यधिक उपयोग करना नुकसानदायक भी हो सकता है। क्योंकि जहाँ लाभ होता है वहाँ हानि भी छुपी होती है। लाभ और हानि एक ही सिक्के के दो पहलू हैं।

(i) इंटरनेट पर सुविधा की वजह से व्यक्तिगत जानकारी की चोरी बढ़ गई है, जैसे- क्रेडिट कार्ड नंबर, बैंक कार्ड नंबर आदि। (ii) आज के समय में इंटरनेट का प्रयोग जासूसों के द्वारा देश की सुरक्षा व्यवस्था को भेदने के लिए किया जाने लगा है जो कि सुरक्षा दृष्टि से खतरनाक है। आज के समय में गोपनीय दस्तावेजों की चोरी भी होने लगी है। (iii) गोपनीय दस्तावेजों की चोरी के लिए स्पामिंग का इस्तेमाल किया जाता है। यह एक अवांछनीय ई-मेल होती है जिसके माध्यम से गोपनीय दस्तावेजों की चोरी की जाती है। (iv) इंटरनेट से रेलवे टिकेट बुकिंग, होटल रिसर्वेशन, ऑनलाइन शॉपिंग, ऑनलाइन बैंकिंग, नौकरी की खोज आदि सुविधाएँ घर बैठे ही मिल जाती हैं लेकिन इससे पर्सनल जानकारी जैसे आपका नाम, पता और फोन नंबर का गलत उपयोग होने का खतरा भी बना रहता है। (v) इंटरनेट के बढ़ते उपयोग की वजह से कैंसर की बीमारी होने लगी है। इंटरनेट के चलन की वजह से कुछ असामाजिक तत्व दूसरों के कंप्यूटर की कार्य प्रणाली को नुकसान पहुँचाने के लिए वायरस भी भेजते है। (vi) जो व्यक्ति एक बार इंटरनेट का प्रयोग कर लेता है, उसे इसकी आदत हो जाती है और फिर उसका एक दिन भी इंटरनेट के बिना गुजारना मुश्किल हो जाता है। (vii) इंटरनेट पर पोरोनोग्रफी साईट पर अत्यधिक मात्रा में अश्लील सामग्री विद्यमान है। जिसका बुरा प्रभाव सबसे अधिक बच्चों पर और युवा पीढ़ी पर पड़ा है। (viii) पोरोनोग्रफी साइट्स को देखकर लोग गलत रास्ते की ओर बढ़ रहे हैं और अपराध की तरफ अग्रसर हो रहे हैं। इस प्रकार की अश्लील सामग्री इंटरनेट पर डालने वाले लोग बहुत अच्छी आमदनी कमा रहे हैं। यह हमारे समाज के लिए जहर की तरह है जिसके खतरनाक परिणामों को हम हर रोज़ देखते हैं। इसलिए इस प्रकार की सामग्री इंटरनेट पर डालने से रोकने के लिए सख्त नियम बनाने चाहिए। (ix) इंटरनेट की वजह से सोशल साइट्स का चलन बढ़ गया है। अब लोग परिवार में बैठकर बातें करने की जगह पर अकेले रहना पसंद करते हैं। क्योंकि सोशल साइट्स पर ही उनकी एक अलग दुनिया बन गई है जिससे परिवार बिखरने लगे हैं। (x) इंटरनेट पर तरह तरह की जानकारियां उपलब्ध रहती है जो कि अगर बच्चे देख, सुन और पढ़ ले तो उनके लिए हानिकारक हो सकती है। (xi) आजकल प्रत्येक व्यक्ति के पर्सनल और प्रोफेशनल दस्तावेज़ इंटरनेट पर सेव रहते है, इसलिए इनके चोरी होने का खतरा भी बना रहता है क्योंकि इंटरनेट पर कई प्रकार की गलतियाँ होती रहती है जिससे या तो पासवर्ड लीक हो जाता है या फिर कंप्यूटर विशेषक द्वारा आपका कंप्यूटर हैक करके जानकारी दे दी जाती है, जिससे आपका भविष्य खराब हो सकता है। (xii) इंटरनेट के अत्यधिक इस्तेमाल के कारण शारीरिक और मानसिक दुष्प्रभाव भी होने लगते है इसलिए हमेशा इंटरनेट को जरूरत के समय ही इस्तेमाल करना चाहिए। (xiii) वर्तमान में ज्यादातर बच्चे और युवा लोग इंटरनेट पर ही समय व्यतीत करते हैं। आप अपने आसपास नजर घुमा कर देखिए बस स्टैंड पर दुकान पर घर पर खेल के मैदान में सभी जगह लोग मोबाइलों में इंटरनेट चलाते दिख जाएँगे। इससे उनका जरूरी कार्य रुक जाता है और समय का दुरुपयोग होता है। (xiv) इंटरनेट का अत्यधिक इस्तेमाल करने से बच्चों में चिड़चिड़ापन होने लग जाता है क्योंकि इंटरनेट पर कई हिंसक गेम, वीडियो इत्यादि सामग्री उपलब्ध है जोकि चिड़चिड़ापन को बढ़ावा देती है। (xv) इंटरनेट के माध्यम से कई गैर-कानूनी विधियां की जाती हैं जैसे गैर कानूनी माल की सप्लाई के लिए जानकारी देना, आतंकवादी गतिविधियों बढ़ाने के लिए आतंकवादी इंटरनेट का इस्तेमाल ही करते है और भी अनेक कार्य है जो कि गैर-कानूनी है और इंटरनेट पर छुपा कर किए जाते है।

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इंटरनेट आज की दुनिया में हर किसी के जीवन के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। इंटरनेट जानकारियों का समूह है जो दुनिया के सभी कंप्यूटरों से जानकारी प्राप्त करके हमें सर्च इंजन और अन्य वेबसाइटों की सहायता से सूचनाएँ प्रदान करता है। आजकल सरकारी, गैर-सरकारी कार्यालयों, स्कूलों, कॉलेजों, हॉस्पिटलों, बैंक, छोटे से लेकर बड़े व्यापार में इंटरनेट का प्रयोग किया जाता है। इंटरनेट के कारण दुनिया के प्रत्येक व्यक्ति को इससे लाभ पहुंचा है, लेकिन आज भी हमारे देश के कई ऐसे स्थान हैं जहाँ पर इंटरनेट पहुँच नहीं पाया है इसलिए प्रत्येक व्यक्ति तक इंटरनेट पहुँचना चाहिए। इंटरनेट का उपयोग मात्र मनोरंजन के लिए करना सही नहीं है क्योंकि इंटरनेट से हम कई प्रकार के ज्ञान प्राप्त कर सकते हैं और विश्व को एक नए स्तर पर ले जा सकते हैं। इंटरनेट का उपयोग राष्ट्र के विकास के लिए करना चाहिए ना कि इसे बेकार की चीजों में उपयोग करके अपने समय को बर्बाद करना चाहिए। इंटरनेट विज्ञान का सबसे महत्वपूर्ण आविष्कार है। इस के आविष्कार के बाद विज्ञान को जैसे पंख ही लग गए है। इससे दुनिया के हर क्षेत्र में विस्तार हुआ है इंटरनेट का उपयोग अगर सही काम के लिए किया जाए तो यह बहुत ही अच्छा है। लेकिन इसका दुरुपयोग किया जाए तो इसके बहुत गंभीर परिणाम हो सकते है इसलिए इंटरनेट को हमेशा सावधानीपूर्वक इस्तेमाल करना चाहिए। इंटरनेट की सहायता से हम लोग विश्व की किसी प्रकार की भी जानकारी मात्र चंद सेकेंडों में प्राप्त कर सकते हैं। वास्तव में इंटरनेट ने मानव इतिहास में एक क्रांतिकारी परिवर्तन लाने का कार्य किया है   Top  

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सोशल मीडिया – वरदान या अभिशाप पर 10 वाक्य (10 Lines on Social Media – Boon or Bane in Hindi)

यदि हम आधुनिक युग को इंटरनेट युग कहे तो यह गलत नहीं होगा। इंटरनेट ने हमें प्रगति का मार्ग दिखाया है और साथ ही सोचने समझने की छमता का भी विकास किया है। इंटरनेट पर शॉपिंग, सर्फिंग, चैटिंग, ब्लॉगिंग व लेखन आदि कार्यों के साथ साथ कमाई करने के लिए कई प्रकार के प्लेटफार्म उपलब्ध हैं। इन्हीं में एक है “सोशल मीडिया” जिसका उपयोग विश्व में सबसे ज्यादा किया जाता है।

सोशल मीडिया – वरदान या अभिशाप पर 10 लाइन (Ten Lines on Social Media – Boon or Bane in Hindi)

आईए आज हम इस लेख के माध्यम से लोगों के बीच फैले सोशल मीडिया प्लेटफार्म के महत्वपूर्ण जानकारियों से अवगत होते हैं।

Social Media Vardan ya Abhishap par 10 Vakya – Set 1

1) सोशल मीडिया एक ऐसा प्लेटफार्म है जिससे दूर रहने वाले लोग भी एक दुसरे से बात कर सकते हैं।

2) सोशल मीडिया अलग भाषा व संस्कृति वालों को एक साथ जोड़ने का कार्य करती है।

3) दुनिया में सोशल मीडिया का आगमन 1997 में SixDegrees नामक वेबसाइट से हुआ।

4) वर्तमान समय में फेसबुक, व्हाट्सएप, इन्स्टाग्राम आदि कई सोशल मीडिया प्लेटफार्म प्रचलित हैं।

5) 2004 में लांच हुए फेसबुक के 2.85 बिलियन मासिक उपयोगकर्ता हैं यह विश्व का सबसे लोकप्रिय सोशल मीडिया प्लेटफार्म है।

6) लॉकडाउन के बाद से सोशल मीडिया ने शिक्षा, रोजगार व अन्य क्षेत्रों में क्रांति लाने का कार्य किया है।

7) सोशल मीडिया ने उद्यमिता (entrepreneurship) को भी बढ़ावा दिया है।

8) सोशल मीडिया वर्तमान में डिजिटल मार्केटिंग (Digital Marketing) का एक बहुत बड़ा मंच बन गया है।

9) सोशल मीडिया के माध्यम से लोग अपनी प्रतिभा के दम पर पैसे भी कमा रहे हैं।

10) दंगे, अश्लीलता और झूठी जानकारी फैलाना सोशल मीडिया के दुरुपयोग के कारण हैं।

Social Media Vardan ya Abhishap par 10 Vakya – Set 2

1) सोशल मीडिया पर हम कोई जानकारी प्राप्त व साझा कर सकते हैं और लोगों से जुड़ सकते हैं।

2) सोशल मीडिया का इस्तेमाल अच्छे कार्यों के अलावा गलत कार्यों के लिए भी किया जा रहा है।

3) विद्यार्थी सोशल मीडिया में इतने व्यस्त हो गए हैं कि शारीरिक खेल व कार्यों से कटते जा रहे हैं।

4) एक तरफ सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों को शिक्षित व जागरूक किया जा रहा है।

5) दूसरी तरफ इसके इस्तेमाल से भड़काऊ भाषण, कट्टरता फैलाना और युवाओं को बरगलाने का भी काम किया जा रहा है।

6) सोशल मीडिया के बहुत से फायदों के साथ कुछ गंभीर नुकसान भी है।

7) आतंकी संगठन सोशल मीडिया का गलत इस्तेमाल करके कमजोर छात्रों को अपना शिकार बनाकर गैर-कानूनी कार्य कराते हैं।

8) सोशल मीडिया पर गलत जानकारियों के प्रचार के परिणाम दंगे, मॉब लिंचिंग (Mob Lynching) व अन्य घटनाएं हैं।

9) सोशल मीडिया के दुरुपयोग से लोगों के साथ ब्लैकमेलिंग (Blackmailing) और ठगी के मामले बढ़ते जा रहे हैं।

10) वर्तमान समय में सोशल मीडिया एक वरदान तो है पर इसके अभिशाप होने से भी इंकार नहीं किया जा सकता है।

लोग अपने खाली समय में सोशल मीडिया का प्रयोग समय व्यतीत करने के लिए अधिकतर करते हैं। सोशल मीडिया पर हमें मनोरंजन के कई साधन मिल जाते हैं जिनमें इन्स्टाग्राम, यूट्यूब, फेसबुक, ट्विटर और व्हाट्सएप जैसी कई चैटिंग और सोशल नेटवर्किंग ऐप्स शामिल है। सोशल मीडिया का ज्यादा प्रयोग हमें वास्तविक दुनिया से धीरे-धीरे दूर कर देता है। छात्रों के अधिक समय सोशल मीडिया पर समय बिताने से उनका पढ़ने व अन्य जरूरी कार्यों में मन नहीं लगता। आवश्यक है कि हमें इनके प्रयोग करते वक़्त सावधानी बरतनी चाहिए और इसके गलत इस्तेमाल से बचना चाहिए।

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विज्ञानं वरदान या अभिशाप पर निबंध (Vigyan Vardan Ya Abhishap Hindi Essay)

विज्ञानं वरदान या अभिशाप पर निबंध (vigyan vardan ya abhishap essay in hindi).

विज्ञान के नए आविष्कारों ने हमारे जीवन को सुखमय और आरामदायक बना दिया है। विज्ञान के नए तकनीकों और आविष्कारों के कारण हम कई कार्य कम समय में पूरा कर लेते है। पुराने समय में हर कार्य मनुष्य को अपने हाथों से करने पड़ते थे।

विज्ञान ने हमारे गर्मी के दिनों को आरामदायक बना दिया है। जैसे ही हम बटन दबाते है, पंखे और कूलर की हवा आना शुरू हो जाती है। आजकल घरो में ऐसी यानी एयर कंडीशनर मौजूद है। इससे ठंडी हवा आती है और व्यक्ति गर्मियों में आराम से अपने सारे कार्य कर सकता है।

बड़ी फैक्ट्रियों में कई तरह मशीने लगवाई जाती है। यह सब विज्ञान की वजह से संभव हुआ है। कई दैनिक ज़रूरतों के सामान फैक्ट्रियों में बनकर तैयार होते है। प्राचीनकाल में मनुष्य आदिमानव बनकर घूमता था और कई मुश्किलों का सामना करता था।

आजकल मोबाइल द्वारा कई तरह के कार्य कर सकते है। मोबाइल से कॉल, मैसेज हम दुनिया के किसी भी कोने में बैठे व्यक्ति को भेज सकते है। मोबाइल द्वारा ऑनलाइन पेमेंट और खरीदारी करना सरल हो गया है। यह सब विज्ञान की वजह से संभव हो पाया है।

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AN ESSAY ON INTERNET - VARDAN YA ABHISHAP IN HINDI ONLY?????

mchatterjee

छोटे बच्चों से लेकर युवा वर्ग और मध्यम वर्ग के लोगों में इंटरनेट को लेकर खासा उत्साह देखने को मिल रहा है। परन्तु जहां एक तरफ इंटरनेट हमारे लिए वरदान साबित हो रहा है वहीं दूसरी ओर इंटरनेट के अत्याधिक इस्तेमाल से यह नुक्सान दायक साबित हो रहा है। इंटरनेट कहां तक तथा कितना युवाओं के लिए सही है, इसी विषय को लेकर सोमवार को दैनिक जागरण की ओर से युवाओं से बात की गई तो उन्होंने अपने विचार कुछ यूं व्यक्त किए।

प्रियंका का कहना है कि वह एमसीए कर रही है और उनका इंटरनेट के ज्ञान के बिना पढ़ाई पूरी करना नामुमकिन है। आज के समय मे इंटरनेट की जानकारी होना बहुत जरूरी है। क्योंकि हर क्षेत्र में नौकरी पाने के लिए इंटरनेट की जानकारी आज अनिवार्य हो चुकी है। प्रियंका का कहना है कि इंटरनेट का एक सीमा तक इस्तेमाल फायदेमंद है।

रोजी का कहना है कि इंटरनेट द्वारा आज हर प्रकार जानकारी प्राप्त की जा सकती है। आज के समय में जरूरी है कि युवा वर्ग इंटरनेट का सही इस्तेमाल करे। निशा का कहना है कि वह दिन में करीब आठ घंटे तक इंटरनेट का प्रयोग करती है। उसे पता है कि इतना अधिक इंटरनेट चलाना उसके लिये घातक है, पर शिक्षा में अच्छे अंक लेने के लिए अब ये उसकी मजबूरी है। निशा ने कहा कि आज के समय मे फेसबुक और ऑरकुट पर अकाउंट बनाना स्टेटस सिंबल बन चुका है।

दीपिका शर्मा का कहना है कि इंटरनेट द्वारा हम दूर बैठे मित्रों, रिश्तेदारों से संपर्क स्थापित कर सकते हैं जोकि वार्तालाप करने का सस्ता और आसान माध्यम है। सुप्रिया का कहना है कि अभी पिछले दिनों ही फेसबुक के गलत इस्तेमाल को लेकर कई लोगों पर केस दर्ज हुए हैं। उन्होंने कहा कि पुलिस प्रशासन को चाहिए कि ऐसे लोगों पर सख्त कार्रवाई करे ताकि दूसरे लोगों ऐसा गलत काम करने से गुरेज करें।

नेहा सैनी का कहना है कि इंटरनेट हमारे लिए तब तक वरदान है जब तक हम एक सीमा तक इसका इस्तेमाल करें। अन्यथा यह हमारे लिए अभिशाप बन जाएगा। उन्होंने कहा कि इंटरनेट के माध्यम से हम अपने कार्यो को शीघ्रता से कर सकते हैं

आशा है कि आपको यह उत्तर पसंद आएगा।

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Hindi Essay on “Vigyan Vardan Ya Abhishap” , ” विज्ञान वरदान है या अभिशाप ” Complete Hindi Essay for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.

विज्ञान वरदान है या अभिशाप, vigyan vardan hai ya abhishap.

vigyan-vardan-ya-abhip-essay

Top 10 Essays on “Vigyan Vardan ya Abhishap”

निबंध नंबर : 01 

आधुनिक युग विज्ञान का युग है | विज्ञान का मुख्य पहलू , लक्ष्य, उद्देश्य और गन्तव्य मानव जीवन के लिए तरह – तरह के साधन जुटाकर उसे सुख – सुविधाओं और सम्पन्नता के वरदानो से भर देना है | परन्तु यह मानव के स्वभाव और व्यवहार पर निर्भर करता है की वह इसे सारी मानवता के लिए वरदान बना दे या अभिशाप | आज जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में विज्ञान के अनेक आविष्कारो ने मानव जीवन को पहले से अधिक सुखी बना दिया है |

आज विज्ञान ने मनुष्य के जीवन को सुखी तथा समृद्ध बनाने के लिए सुई से लेकर हवाई जहाज, रेलगाड़ी, जलयान व यंत्र , कार एव अनेक तरह के सामन मुहैया कर सुख – सुविधा से भर दिया है | यह भी मानव जीवन के लिए वरदान ही है | तार, यातायात के साधनों के विकास से संसार की दुरी बहुत छोटी हो गई है | इसके द्वारा मानव चन्द्रमा पर भी पहुँच गया है | चिकित्सा के क्षेत्र में भी विज्ञान ने अनेक चमत्कार किए है | जिन रोगों का पहले इलाज सम्भव नही था , इंजैक्शन तथा शल्य-चिकित्सा द्वारा उनका निदान सम्भव हो गया है | प्लास्टिक सर्जरी द्वारा अनेक कृत्रिम अंग बखूबी लगाए जाने लगे है | ‘एक्स – रे ‘ तथा ‘अल्ट्रा- साउंड द्वारा सूक्ष्म – से सूक्ष्म अंगो के चित्र खीचे जा रहे है | जहाँ तक की आँखों को आप्रेशन व इसका दुसरे के शरीर में प्रत्यारोपण भी सम्भव हो गया है |

‘मुद्रण –यन्त्र’ भी विज्ञान की ही दें है जिससे पुस्तको व् समाचार – पत्रों की अनेक प्रतियाँ थोड़े ही समय में मुद्रित की जाने लगी है | रेडियो , टेलीविजन तथा वी.सी. आर. आदि मनोरंजन के प्रमुख साधन है जो विज्ञान की देन है विज्ञान का आधुनिक युग का सबसे महत्त्वपूर्ण आविष्कार है ‘विद्दुत’ जिससे हमे प्रकाश शक्ति व तापमान प्राप्त  होता है | यह मनुष्य के लिए एक प्रकार का वरदान ही है |

दूसरी और आधुनिक विज्ञान ने मानव जीवन और समाज को अभिशप्त भी कम नही किया है | विज्ञान ने हमे एक दानवी शक्ति भी दी है – ‘परमाणु शक्ति’ जिसका यदि हम दुरूपयोग करे तो पूरा संसार कुछ ही समय में नष्ट हो सकता है | जीवन के प्रागण को प्रकाशित करने वाली बिजली क्षणभर में आदमी के प्राणों का शोषण कर उसे निर्जीव बना कर छोड़ देती है | अनेक ऐसे यत्रो का निर्माण किया जा चुका है जिनका दुरूपयोग  कर एक बददिमाग आदमी घर के भीतर बैठकर केवल बटन दबाकर ही प्रलय की वर्षा कर सकता है | यह सब विज्ञान के अभिशाप ही है |

अत : आज विज्ञान ने हमे जो कुछ भी दिया वह हमारे लिए वरदान तथा अभिशाप दोनों ही है | यह केवल हमारे उपयोग पर निर्भर है |

निबंध नंबर: 02 

विज्ञान : वरदान या अभिषाप

Vigyan : vardan ya abhishap.

आधुनिक काल का आरंभ विज्ञान की प्रगतियों के आरंभ होने का काल कहलाता है। आज हम प्रत्येक सांस वास्तव में ज्ञान-विज्ञान के विभिन्न प्रकार की उपलब्धियों की छाया में लेते हैं। घर-बाहर कहीं भी चले जाइए, प्रत्येक कदम पर वैज्ञानिक अविष्कारों, अनेकविध वैज्ञानिक उपलब्धियों के दर्शन स्वत: ही होने लगते हैं। अत: आज के युग को यदि वैज्ञानिक युग कहते हैं, तो यह उचित है। इसके साथ् यह प्रश्न भी उचित ही उठाया जाता है कि विज्ञान मानवता के लिए वरदान है या अभिशाप?

उपर्युक्त दोनों पक्षों में से पहले विज्ञान के वरदान-पक्ष पर ही विचार कर लिया जाए। सुबह उठने से लेकर रात सोने तक आजकल हम जितनी भी वस्तुओं का प्रयोग करते हैं, वे सब वस्तुत: आधुनिक विज्ञान की ही देन हैं। विज्ञान ने आज के राष्ट्रों की आपसी दूरी को समाप्त कर उन्हें एक-दूसरे के समीप ला दिया है। सभी का सुख-दुख सांझा कर दिया है। अनेक प्रकार के परंपरागत अंधविश्वासों को मिटाकर आदमी की नई सूझ-बूझ, समानता, मानवतावादी दृष्टि औश्र प्रगति की नई राहें प्रदान की है। पहले मनुष्य की सभी स्तरों पर कई-कई दिनों तक कठोर परिश्रम करते रहना पड़ता था, तब भी सफलता संदिज्ध रहा करती थी। पर आज जल, थल और आकाश पर कहीं कुछ भी सफलतापूर्वक कर पाना असंभव नहीं रह गया है। मानव अपनी शक्ति, साहस और सफलता की कहानी वैज्ञानिक उपकरणों की सहायता से स्वंय अंतरिक्ष तक पहुंच उसके वृक्ष-स्थल पर लिख आया है। रेल, डाक, तार, रेडियो, सिनेमा, टेलीविजन आदि तो अब रोजमर्रा-प्रयोग की आम चीजें बनकर रह गई हैं। यहां तक कि आज खाना पकाने जैसे सभी कार्य भी वैज्ञानिक उपकरणों की सहायता से सरलता के साथ होने लगे हैं। इससे समय, साधन और शक्ति की भी बचत होने लगी है। बड़े-बड़े कल-कारखाने फैक्टरियां आज जो कुछ भी कर रही है, वह सब मानव की सुख-सुविधा के लिए ही तो किया जाता है। इस प्रकार थोड़े में कहा जा सकता है कि वास्तव में विज्ञान और उसके विनिर्मित छोटे-बड़े सभी उपकरण मानवता को वरदान ही वरदान दे रहे हैं। उनसे मानव-जीवन उन्नत एंव सुख-सुविधा संपन्न हो गया एंव निरंतर और भी अधिकाधिक होता जा रहा है।

यहां तक तो हुई आधुनिक विज्ञान के एक पक्ष वरदान या भलाई वाले पक्ष की बात। लेकिन जब हम इसके दूसरे पक्ष पर विचार करते हैं, तो यह सब एकदम व्यर्थ और डरावना प्रतीत होने लगता है। यों तो वैज्ञानिक खोजों और प्रक्रियाओं के परिणामस्वरूप 19वीं सदी में ही अभिशाप वाला पक्ष सामने आने लगा था। पर द्वितीय युद्ध के अवसर पर जब जापान के हिरोशिमा और नागासाकी जैसे समृद्ध महानगरों पर परमाणु बमों का प्रयोग किया गया , तब यह स्पष्ट हो गया कि वास्तव में अगले वर्षों में विज्ञान मानवता के लिए घोर अभिषाप सिद्ध होने जा रहा है। विज्ञान का यह अभिशापदायक पक्ष आज तो और भी भयानकतर होता जा रहा है। ऐसे-ऐसे मारक, दूरमारक शस्त्रास्त्रों का निर्माण हो रहा है कि उनमें से दो-चार का प्रयोग ही सारी धरती को न केवल मानवता-विहीन, बल्कि सभी प्रकार के प्राणियों और वनस्पतियों तक से विहीन बना सकता है। प्राण-वायु तक का दम घोटकर संसार को निस्तब्ध कर मरघट के सन्नाटे में बदल सकता है। अब यदि कहीं तीसरा विश्वयुद्ध छिड़ गया, तो निश्चय ही संसार में महाप्रलय हो जाएगी। अपनी वैज्ञानिक उपलब्धियों पर गर्व करने वाली मानवता का नाम तक भूले-बिसरे इतिहास का पृष्ट बन जाएगा। कितना लोमहर्षक होगा वह दिन। भगवान करे, वह दिन कभी भी न आए।

ये तो हुई वैज्ञानिक शस्त्रास्त्रों से मिलने वाले अभिशाप की बातें। यों, विज्ञान के जिन साधनों को हम वरदान मानकर प्रतिदिन के उपयोग में लाते हैं, वे भी मानवता के लिए कम घातक और अभिशाप प्रमाणित नहीं हो रहे। वायुयान, रेलें, मोटरें, ट्रक, स्कूटर आदि यातायात के आधुनिक साधन दुर्घटना का शिकार कर एक क्षण में ही प्रति-दिन हजारों के प्राण ले रहे हैं। घरों में जलने वाली बिजली, गैस-स्टोव, कैरोसिन आदि भी तो अक्सर प्राणघातक सिद्ध होते रहते हैं। इस प्रकार वह घर-बाहर कहीं भी आज मानव-जीवन पूर्ण सुरक्ष्पिात नहीं रह गया। वैज्ञानिक प्रगतियों और उपलब्धियों ने सामान्य व्यवहार और संबंधों के स्तर पर भी मानव को कोरा भौतिक एंव बौद्धिक बनाकर हदयहीन कर दिया है। वह एकदम स्वार्थी हो गया है। सहज मानवीय भावनाओं की क्षति को आधुनिक विज्ञान का एक बहुत बड़ा अभिशाप रेखांकित किया जा सकता है। विज्ञान ने मानव के आत्त्मविश्वास और श्रमशीलता को भी छीन लिया है। तभी तो आज चारों और अविश्वास, आपाधापी, अन्याय, अत्याचार, और शोषण का बाजार गरम है। इस तरह की हदय हीनता से मानवता की होने वाली क्षतिपूर्ति की भरपाई विज्ञान कभी नहीं कर सकता। निश्चय ही विज्ञान ने मानव को तुच्छ, स्वार्थी, हीन और आत्मकेंद्रित करके एक जड़ मशीन मात्र बनाकर रख दिया है। अन्य सभी बुराइयां इस जड़त्व की ही देन कही जा सकती है।

इस प्रकार स्पष्ट है कि विज्ञान ने मानवता को उतने वरदान नहीं दिए, जितने अभिशाप। दुख की बात और स्थिति तो यह है कि अधिकांश वरदान भी अपने भीतर अंतिम परिणाम के रूप में अभिशाप ही छिपाए हुए हैं। यदि इस सबके निराकरण का उपाय न किया गया, तो मनुष्य द्वारा अपना ही उत्पन्न किया हुआ यह शेर एक दिन उसके साथ-साथ सारी मानवता को, सभ्ज्ञी प्रकारकी प्रगतियों, कला-संस्कृति तक को खाकर शून्य जग-जीवन को जड़ एंव शून्य कर देगा।

निबंध नंबर: 03

विज्ञान : एक अभिशाप

Vigyan : ek abhishap, विज्ञान के दुरुपयोग, vigyan ke durupyog.

विज्ञान की देन अद्वितीय है। प्रत्येग क्षेत्र में विज्ञान अनेक रूपों में मनुष्य के लिए वरदान सिद्ध हुआ है, यह सत्य है परंतु इसका दूसरा पहलू भी है। विज्ञान मनुष्य के लिए समस्य बना चुका है। आज उसके अविष्कार ही हमारे लिए अभिशान बन गए हैं। विज्ञान की मदद से किए जाने वाले हमारे दैनिक कार्यों में कईं ऐसी बातें जुड़ती चली गई जिनके कारण धरातल के संपूर्ण जीव जगत पर संकट के बादल मंडराने लगे। मनुष्यों ने अपना दैनिक जीवन तो सुलभ बना लिया परंतु आगामी पीढ़ी के लिए धरती एक समस्या सी बनती जा रही है। अत: ऐसे विचारों के लोगों की संख्या कम नहीं है जो विज्ञान को एक अभिशाप के रूप में देखते हैं। साथ-साथ यह नहीं भूलना चाहिए कि किसी भी वस्तु का दुरुपयोग हमारे लिए अभिशाप बन जाता है।

विज्ञान के अविष्कारों ने औद्योगिक क्रांति को जन्म दिया जिसके फलस्वरूप आज नगरों में मशीनों व कल-कारखानों की संख्या अत्याधिक बढ़ गई है। गांवों से लोग शहरों की ओर आ रहे हैं जिससे शहरों में आबादी-दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। अनेक क्षेत्रों में मनुष्य का कार्य मशीनों ने ले लिया है जिससे बेरोजगारी बढ़ रही है। आज प्रतिस्पर्धा के दौर में सामान्य व्यक्ति को अपनी मूलभूत आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए जमीन-आसमान एक करना पड़ रहा है।

आज पूंजी मुख्य रूप से चंद लोगों के हाथों में सिमट गई है। लाभ का एक बड़ा हिस्सा, मिल-मालिकों व भ्रष्ट अधिकारियों के हाथों में जाता है। वहीं, दूसरी आवश्यकताओं की पूर्ति ही कर पाता है। इसके फलस्वरूप पूरा समाज धनवान और निर्धन में विभाजित हो गया है। इन्हीं कारणों से संपूर्ण विश्व भी पंूजीपति व समाजवादी देशों में विभाजित हो गया है। अत: विज्ञान ने आज मनुष्य को मनुष्य से अलग कर दिया है। संपूर्ण विश्व के देश आज प्रगति के पथ पर एक-दूसरे से आगे निकलना चाहते हैं तथा सभी अपने को शक्ति-संपन्न देखना चाहते हैं। बारूद का अविष्कार इसी प्रतिस्पर्धा की देन है। नान प्रकार के हथियार विकसित हो गए हैं। रॉकेट, मिसाइल, बम, युद्ध में प्रयोग होने वाले जहाज तथा अनेक प्रकार के रासायनिक उपकरण मानव के विनाश के लिए तैयार हैं। हाईड्रोजन तथा परमाणु बम तो पूरी की पूरी मानव-सभ्यता को नष्ट करने की क्षमता रखते हैं। द्वितीय विश्व युद्ध में जापान के दो शहरों हिरोशिमा और नागासाकी पर गिराए गए बम इसका ज्वलंत उदाहरण हैं।

विज्ञान के अविष्कारों से धार्मिक आस्था भी दिन पर दिन कमजोर पड़ती जा रही है। मनुष्य से असंतोष व स्वार्थ लोलुपता बढ़ती जा रही है जो किसी भी सभ्य मानव समाज के लिए शुभ संकेत नहीं हैं। मनुष्य की सफलता ही आज उसे विनाश की ओर ले जा रही है। बढ़ते प्रदूषण के कारण दिन-प्रतिदिन प्रकृति का असंतुलन बढ़ता जा रहा है। हमारी पृथ्वी का रक्षा कवज ‘ओजोन परत’ निरंतर इससे प्रभावित हो रहा है जो पृथ्वी पर संपूर्ण जीवन के लिए खतरा बन सकता है।

विज्ञान ने यदि मनुष्य को चंद्रमा पर पहुंचाया है तो उसने उसे विनाश के गर्त पर भी ला खड़ा किया है। वास्तविक रूप में यदि इसका अवलोकर किया जाए तो हम देखते हैं कि इसकी शक्ति अपार है। यह मनुष्य के अपने विवेक पर है कि वह इसका प्रयास किस प्रकार करता है। विज्ञान का समुचित दिशा में किया गया उपयोग उसके लिए वरदान सिद्ध हो सकता है वहीं दूसरी ओर इसका दुरुपयोग उसके लिए अभिशाप भी बन सकता है।

निबंध नंबर : 04

विज्ञान के वरदान

Vigyan ke vardan, विज्ञान के चमत्कार, vigyan ke chamatkar.

आधुनिक युग को यदि हम “विज्ञान का युग’ कहें तो अतिशयोक्ति नहीं होगी । विज्ञान ने अनेक असंभव लगने वाली बातों को संभव कर दिखाया है । जीवन का कोई भी क्षेत्र ऐसा नहीं बचा है जिसे विज्ञान ने प्रभावित न किया हो ।

विद्युत का आविष्कार विज्ञान की अनुपम देन है । इसने अंधेरे को उजाले में परिवर्तित कर दिया है । बटन दबाने मात्र से सारा घर अथवा सड़क तो क्या संपूर्ण शहर प्रकाशमान हो उठता है । इसके प्रयोग से मनुष्य ने सरदी-गरमी पर भी विजय प्राप्त कर ली है । वातानुकूलित कमरों में बैठने पर उसे वातावरण की कडाके की ठंड या गरमी का पता भी नहीं चलता है । अनेकों कल-कारखाने व मशीनें विद्युत के प्रयोग से चल रही हैं । विद्युत चालित रेलगाड़ियाँ प्रतिदिन लाखों लोगों को एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाती हैं ।

चिकित्सा के क्षेत्र में विज्ञान ने अनेक चमत्कारिक दवाओं की खोज की है । जिससे मनुष्य को अनेक कष्टों से तुरंत आराम मिल जाता है । इस क्षेत्र में वैज्ञानिकों के निरंतर अनुसंधान से ऐसे उपकरण बनाए जा चुके हैं जिनके प्रयोग से कभी असाध्य लगने वाली बीमारियों को भी ऑपरेशन द्वारा दूर किया जा सकता है | इसने अधों को ऑखें, लगड़ों को पैर तथा बहरों को कान प्रदान किए हैं |

यातायात के क्षेत्र में भी विज्ञान ने अद्भुत चमत्कार कर दिखाए हैं । आज मनुष्य के पास इतने तीव्रगामी व आरामदायक साधन उपलब्ध है जिनसे वर्षी व महीनों का समय लगने वाली यात्रा केवल कुछ घंटों में ही पूर्ण हो जाती है | कार,  बस, रेलगाड़ी, वायुयान सभी विज्ञान के देन है | वायुयान अथवा हवाई जहाज के द्वारा मनुष्य केवल कुछ घंटों में पृथ्वी के एक छोर से दूसरे छोर तक पहुंच सकता हे |

आधुनिक उपकरणों की खोज से वे खेत जिनकी जुताई में महीनों लगते थे । उनकी जुताई केवल कुछ घंटों में ही पूर्ण कर ली जाती है ।

कृषि के क्षेत्र  में भी विज्ञान ने कम योगदान नहीं दिया है | ट्रेक्टर व अन्य आधुनिक उपकरणों की खोज से वे खेत जिनकी जुताई में महीनों लगते थे आज उनकी जुताई केवल कुछ घंटों में ही पूर्ण हो जाती है | कृषि के क्षेत्र में हो रहे निरंतर अनुसंधान ने उन्नत बीज प्रदान किए है तथा अनेक प्रकार के रासायनिक खाद का निर्माण हुआ है जिससे कृषि की उत्पादन क्षमता पर अच्छा प्रभाव पड़ा है |

औद्योगिक क्षेत्र में मशीनों के आविष्कार ने तो क्रांति ही ला दी है । आज इनके प्रयोग से औद्योगिक क्षेत्र की उत्पादन क्षमता कई गुना बढ़ गई है । वह कार्य जो कभी सैकड़ों लोगों द्वारा किया जाता था आज केवल एक मशीन द्वारा हो रहा है । मशीनों के प्रयोग से उत्पादों की गुणवत्ता में भी निरंतर सुधार हो रहा है ।

विज्ञान के आविष्कारों ने मनोरंजन के अनेकों ऐसे साधन विकसित कर दिए हैं जिसने मनुष्य के जीवन को अत्यंत सुखदायी बना दिया है । चलचित्र, दूरदर्शन, रेडियो, वीडियो आदि आविष्कारों ने मानव के जीवन की कायापलट कर दी है जो सभी मूड के व्यक्तियों को हँसाने, गुदगुदाने व उनका मन बहलाने में सक्षम हैं ।

शिक्षात्मक गतिविधियों को तो आधुनिक आविष्कारों ने इसे इतना सहज और सरल बना दिया है कि एक सामान्य व्यक्ति भी श्रेष्ठ ज्ञान प्राप्त कर सकता है । आज विद्यार्थी घर बैठे ही विज्ञान के आधुनिक साधनों का प्रयोग कर ज्ञान के अथाह सागर में गोते लगा सकते हैं और इसके बल पर अपने योग्य उचित स्थान की प्राप्ति कर सकते हैं । बहुत से विद्याथी सुदूर देशों की यात्रा केवल शिक्षा प्राप्ति के उद्देश्य से करते हैं जो आधुनिक विज्ञान का ही प्रतिफल है ।

विज्ञान के आविष्कार अनगिनत हैं और आज भी प्रतिदिन नए आविष्कार हो रहे हैं । विज्ञान के माध्यम से मनुष्य अपनी हर कल्पना को साकार करने हेतु अग्रसर है । निस्संदेह मानव जीवन को विज्ञान की देन अतुलनीय है ।

निबंध नंबर : 05

विज्ञान : वरदान या अभिशाप

आज का युग विज्ञान का युग है । हमारे जीवन का कोई भी क्षेत्र इससे अछूता नहीं है । प्राचीन काल में असंभव समझे जाने वाले तथ्यों को विज्ञान ने संभव कर दिखाया है । छोटी-सी सुई से लेकर आकाश की दूरी नापते हवाई जहाज तक सभी विज्ञान की देन हैं । विज्ञान ने एक ओर मनुष्य को जहाँ अपार सुविधाएँ प्रदान की हैं वहीं दूसरी ओर दुर्भाग्यपूर्ण यह है कि नाभिकीय यंत्रों आदि के विध्वंशकारी आविष्कारों ने संपूर्ण मानवजाति को विनाश के कगार पर लाकर खडा कर दिया है । अत: एक ओर तो यह मनुष्य के लिए वरदान है वहीं दूसरी ओर यह समस्त मानव सभ्यता के लिए अभिशाप भी है ।

वास्तविक रूप में यदि हम विज्ञान से होने वाले लाभ और हानियों का अवलोकन करें तो हम देखते हैं कि विज्ञान का सदुपयोग व दुरुपयोग मनुष्य के हाथ में है । यह मनुष्य पर निर्भर करता है कि वह इसे किस रूप में लेता है । उदाहरण के तौर पर यदि नाभिकीय ऊर्जा का सही दिशा में उपयोग किया जाए तो यह मनुष्य को ऊर्जा प्रदान करता है जिसे विद्युत उत्पादन जैसे उपभोगों में लिया जा सकता है । परंतु दूसरी ओर यदि इसका गलत उपयोग हो तो यह अत्यंत विनाशकारी हो सकता है । द्रवितीय विश्व युद्ध के समय जापान के हिरोशिमा एवं नागासाकी शहरों में परमाणु बम द्वारा हुई विनाश-लीला इसका ज्वलत उदाहरण है ।

विज्ञान के वरदान असीमित हैं । विद्युत विज्ञान का ही अदभुत वरदान है जिससे मनुष्य ने अंधकार पर विजय प्राप्त की है । विद्युत का उपयोग प्रकाश के अतिरिक्त मशीनों, कल-कारखानों, सिनेमाघरों आदि को चलाने में भी होता है । इसी प्रकार चिकित्सा के क्षेत्र में विज्ञान ने अभूतपूर्व सफलताएँ अर्जित की हैं। इसने असाध्य समझे जाने वाले रोगों का निदान ढूँढ़कर उसे साध्य कर दिखाया है । यात्रा के क्षेत्र में भी विज्ञान की देन कम नहीं है। इसके द्वारा वर्षों में तय की जाने वाली यात्राओं को मनुष्य कुछ ही दिनों या घंटों में तय कर सकता है। हवाई जहाज के आविष्कार ने तो मनुष्य को पंख प्रदान कर दिए हैं । विज्ञान के माध्यम से मनुष्य ने चंद्रमा पर विजय प्राप्त कर ली है और अब वह मंगल ग्रह पर विजय प्राप्त करने की तैयारी कर रहा है । विज्ञान की देन असीमित है ।

विज्ञान ने जहाँ मनुष्य को आराम और सुविधाएँ दी हैं वहीं दूसरी ओर उसके लिए नई मुश्किलें भी खाड़ी कर दी है | विश्व आज अनेक खेमों में बाँट गया है | इसके अतिरिक्त स्वयं को अधिक शक्तिशाली बनाने के लिए हथियारों की होड़-सी लग गई है | उसने सम्पूर्ण मानव सभ्यता को अपने परमाणु व हाईट्रोजन

बमों की खोज से विनाश के कगार पर लाकर खड़ा कर दिया है । बेरोजगारी व निधनता दिन-प्रतिदन बढ़ रही है । लोगों का गाँवों से शहरों की ओर पलायन जारी हैं जिससे महानगरों एवं शहरों की जनसंख्या अत्यधिक बढ़ गई है । इस प्रकार विज्ञान का दुरुपयोग संपूर्ण मानव सभ्यता के लिए अभिशाप सिद्ध हो रही हैं ।

विज्ञान का समुचित उपयोग न करने का ही यह परिणाम है कि आज दुनिया की आबादी बेतहाशा बढ़ रही है । आबादी रोकने के जितने भी साधन विज्ञान ने उपलब्ध कराए हैं वे सभी निर्विवाद रूप से कारगर हैं पर अविकसित देशों द्वारा इन साधनों को न अपनाने के फलस्वरूप ऐसे देश कई प्रकार की समस्याओं से घिर गए हैं । विज्ञान की मदद से बड़े पैमाने पर रोजगार उपलब्ध हो सकता है लेकिन कई देशों में अपने संसाधनों का इस्तेमाल न कर पाने की समस्या है । विज्ञान ने बृहत् पैमाने पर शिक्षा देने के साधनों की उपलब्धता सुनिश्चित कर दी है फिर भी कई देशों में भारी तादाद में अनपढ़ लोग हैं । वैज्ञानिक कृषि अपनाए जाने पर दुनिया से भुखमरी और कुपोषण की समस्या समाप्त हो सकती है, बावजूद इसके लोग खाद्यान्नों के बिना संकटग्रस्त दशा में हैं । अत: कहा जा सकता है कि वे अभिशाप जो विज्ञान के कारण उत्पन्न समझे जाते हैं, वास्तव में मानव सृजित हैं ।

हम सभी का यह कर्तव्य है कि हम विज्ञान की अद्भुत देन का रचनात्मक कायों में ही प्रयोग करें । विज्ञान के दुरुपयोग के विरुद्ध अभियान छेड़ा जाना चाहिए । विश्व के समस्त देशों को विश्व शांति का प्रयास करना चाहिए तथा हथियारों को जो होड़ बढती जा रही है उसका विरोध एवं उस पर अंकुश लगाना  चाहिए ।

निबंध नंबर : 06

विज्ञान – वरदान या अभिशाप

आज के युग में विज्ञान के नवीनतम आविष्कारों ने विश्व में क्रान्ति ला दी है। अब विज्ञान के बिना मनुष्य के स्वतन्त्र अस्तित्व की कल्पना भी नहीं की जा सकती। विज्ञान के माध्यम से मनुष्य प्रकृति पर निरन्तर विजय प्राप्त करता जा रहा है।

आज से पचास वर्ष पूर्व विज्ञान के आविष्कारों की चर्चा से ही लोग आश्चर्यचकित हो जाया करते थे, परन्तु आज वहीं आविष्कार मनुष्य के जीवन में पूर्णतः सम्मिलित हो चुके हैं। आज मगर इन्सान के कदम चन्द्रमा पर पड़ते हैं तो कुछ दिनों तक कोतूहल जनता है-फिर नये कदम के पथ की ओर निगाह दौड़ाने लगते है। मंगल ग्रह पर जीवन सम्बन्धित खोज में जुटना नये कदम का उदाहरण है।

विज्ञान क्या है?-

मानव जैसे-जैसे सभ्य होता गया उसने ज्ञान और विज्ञान की प्राप्ति के लिए प्रयत्नशील होना प्रारम्भ कर दिया। संसार क्या है? इसकी रचना कैसे और किन-किन तत्वों के द्वारा हुई? इन बातों को जानने का प्रयास विज्ञान का क्षेत्र माना जाता है। संक्षेप में कहे तो संसार के मूल तथा विकास का जानना ही क्रमशः ज्ञान और विज्ञान कहलाता है।

वर्तमान मंे जहां एक ओर विज्ञान के द्वारा हमें अनेक प्रकार के सुख एवं सुविधाएं उपलब्ध हुई हैं, वहीं दूसरी ओर इसके द्वारा विनाश के अनेक साधन भी सामने आये।

ऐसी दशा में यह प्रश्न उठना स्वाभाविक है कि विज्ञान मानव कल्याण के लिए कितना उपयोगी है? वह समाज के लिए वरदान है या अभिशाप?

विज्ञानः वरदान के रूप में

आज विज्ञान ने मानव सेवा के लिए अनेेक प्रकार के साधन उपनब्ध कराये हैं। रातों-रात महल खड़ा कर देना, आकाश मार्ग से उड़कर दूसरे देश में पहुंच जाना। घर बैठे हजारों-हजारों किलोमीटर दूर, किसी व्यक्ति से बात करना उसे अपने सामने बैठे देखना, शत्रुओं के नगरों को मिनटों मंे बरबाद करना आदि अनेकों कार्य विज्ञान द्वारा ही सम्भव हुए हैं। अतः विज्ञान मानव जीवन के लिए वरदान सिद्व हुआ है। विज्ञान द्वारा मानव ने जीवन के अनेक क्षेत्र मंे उन्नति की है जो इस प्रकार हैं-

 (1) परिवहन के क्षेत्र में

पुराने समय में व्यक्ति थोड़ी सी दूरी तय करने में बहुत अधिक समय लगाता था। लम्बी यात्राओं को वह एक दुरूह स्वप्न समझता था। आत विज्ञान के द्वारा रेल, मोटरकार, मोटरसाइकिल, स्कूटर मोटर वाहन, हेलीकाॅप्टर तथा वायुयानों का आविष्कार किया गया। जिनमंे बैठकर मानव दूर से दूर की यात्रा सरलता से कर सकता है। पृथ्वी ही नहीं, आज इन वैज्ञानिक साधनों के द्वारा मनुष्य ने चन्द्रमा पर भी अपने कदमों के निशान बना दिये हैं।

(2) संचार के क्षेत्र मंे

पुराने समय में सन्देशों के आदान-प्रदान मंे बहुत अधिक समय लगता था। परन्तु आज विज्ञान के द्वारा इन्टरनेट, टेलीफोन मोबाइल का आविष्कार हुआ जिनके माध्यम से सन्देश एवं विचारों का आदान प्रदान किया जाता है। रेडियो और टेलीविजन द्वारा भी संसार में घटित घटनाओं का, कुछ ही क्षण में विश्व भर को पता चल जाता है।

(3) चिकित्सा के क्षेत्र में

विज्ञान द्वारा अनेक असम्भव बीमारियों का इलाज सम्भव हुआ है। विज्ञान ने चिकित्सा की नवीन पद्धतियों के जैसे भयंकर प्राणघातक रोगों पर विजय पाना भी विज्ञान के माध्यम से ही सम्भव हुआ है। पशुओं की क्लेनिंग के बाद मानव क्लोन बनने का आविष्कार चल रहा है। जो अनके मामलों में मानव के लिए सबसे बड़ा वरदान साबित होगा।

(4) कृषि के क्षेत्र में

भारत कृषि प्रधान देश है। प्रचीन काल में अन्न का उत्पादन करना अत्यन्त जटिल कार्य था लेकिन आज हम अन्न के मामले में आत्मनिर्भर हैं। यह सब कुछ विज्ञान की ही देन है। अन्न को सुरक्षित रखने के लिए भी अनेक प्रकार के नवीन उपकरणों का आविष्कार किया गया है। अच्छे, बीज, उर्वरक भूमि तैयार करना, लहलहाती फसल पैदा करना, कृषि यंत्रों द्वारा खेती करना, विज्ञान के सहारे ही तो सम्भव हो सका।

(5) परमाणु शक्ति के क्षेत्र में

आधुनिक युग को परमाणु युग कहा जाता है। आज अनुशक्ति द्वारा कृत्रिम बादलों के माध्यम से वर्षा की जा सकती है। इसके द्वारा नव कल्याण सम्बन्धी अनेक कार्य किये गये हैं। शान्तिपूर्ण कार्यों के लिये अणुशक्ति का विकास किया जा रहा है।

(6) दैनिक जीवन में

हमारे दैनिक जीवन का प्रत्येक कार्य विज्ञान पर ही निर्भर है। विद्युत हमारे जीवन का महत्वपूर्ण अंग है। पंखे, कूलर, फ्रिज, वांशिग मशीन, कुकिंग गैस, माइक्रोवेव, सिलाई मशीन आदि सब विज्ञान की उपलब्धियां है। इन आविष्कारों से समय, शक्ति व श्रम की पर्याप्त बचत हुई है। आधुनिक टेक्नालाॅजी ने प्रकाशन साम्रगी की छपाई व्यवस्था को बहुत सहज बना दिया है। कम्प्यूटर की मदद से आटोमेटिक मशीनों का घण्टों पर काम मिनटों में होने लगा है।

(7) उद्योग के क्षेत्र में

उद्योगों के क्षेत्र में विज्ञान ने क्रान्तिकारी परिवर्तन किये हैं। विभिन्न प्रकार के वस्त्र, खाद्य पदार्थ एवं दैनिक उपयोग की वस्तुओं के उत्पादन हेतु विज्ञान ने सरलतम साधनों का आवष्किार किया है। आज आधुनिक से आधुनिक परिधानों की डिजाइन कम्प्यूटर द्वारा मिनटों में तैयार कर ली जाती है। फैंशी ड्रेसें विदेशों मे निर्यात कर देश के लिए विदेशी मुद्रा अर्जित की जाती है। देश की आर्थिक स्थिति इससे मजबूत हुई है। यह विज्ञान की हो तो देन है।

विज्ञान एक अभिशाप के रूप में

जहां एक ओर विज्ञान मानव जीवन के लिए वरदान सिद्व हुआ है। वहीं दूसरी ओर विज्ञान अभिशाप भी बना हुआ है।

आज विज्ञान ने मनुष्य के हाथ में बहुत शक्ति दे दी हैं, किन्तु उसके प्रयोग पर कोई बन्ध नहीं लगाया है। स्वार्थी मानव द्वारा इस शक्ति का दुरूपयोग किया जा रहा है जो मानवता के लिए अत्यन्त विनाशकारी है।

यन्त्रों के अत्यधिक उपयोग ने देश में बेरोजगारी को जन्म दिया है। जापान के नागासाकी और हिरोशिमा नगरों का विनाश विज्ञान के द्वारा ही सम्भव हुआ है। हिरोशिमा और नागासाकी पर गिराये गये बमों से कहीं अधिक विध्वंस और विनाशकारी परमाणु बम आज विश्व के विनाश के लिए खतरा बने हुए हैं।

इनके प्रयोग से किसी भी क्षण सम्पूर्ण विश्व तथा विश्व संस्कृति का विनाश पल भर मंे सम्भव है। यदि किसी तानाशाह द्वारा निरंकुश होकर तीसरा विश्वयुद्व छेड़ दिया गया तो संसार तबाह हो जाएगा। यह अत्यंत चिंताजनक विषय है।

विज्ञान के सम्बन्ध मंे विचार करने के बाद यह बात पूरी तरह स्पष्ट है कि जहां एक ओर विज्ञान हमारे लिए कल्याणकारी है, वहीं दूसरी ओर अत्यन्त विनाशकारी भी। किन्तु विनाश के लिए विज्ञान को ही उत्तरदायी नहीं ठहराया जा सकता। विज्ञान तो एक शक्ति है जिसका उपयोग अच्छे और बुरे दोनों कार्यों के लिए किया जाता है।

इस प्रकार विनाश की कल्पना करना विज्ञान का दोष नहीं, अपितु स्वंय मनुष्य के अहंकारी होने का दोष है। भगवान शंकर ने भस्मासुर की तपस्या से प्रसन्न होकर उसे शत्रु को भस्म कर देने का वरदान दे दिया था। भगवान शिव द्वारा ऐसा वरदान देना किसी भी तरह त्रुटिपूर्ण न था, क्योंकि शत्रु से रक्षा करना हर किसी का अधिकार है। लेकिन, उसी शक्ति को अहंकार में भरकर जब भस्मासुर ने भोलेनाथ पर ही आजमानी चाही तो व दुर्बुद्वि कहलायी। अपने अहंकार का उसने खुद ही फल भोगा। खुद पर किये गये अपने ही वरदान द्वारा उसने अपनी मौत बुला ली, खुद ही भस्म हो गया।

विज्ञान का भी ठीक ऐसा ही मामला है। आणुविक हथिहार शत्रु देशों से रक्षा के लिए बनाये गये हैं- पर यदि उनके अंहकार में भरकर कोई दुर्बुद्वि वाला व्यक्ति विश्व विजयपताका फहराने की बात सोचने लगे तो वह खुद भी तो विश्व में फेलार्थ विनाश लीला से बन्धन पायेगा।

संयुक्त राष्ट्र संघ के चाहिये कि आणुविक, जैविक और रासायनिक बमों के प्रयोग पर ऐसी पाबन्दी लगाये जिससे विश्व में विनाश का खतरा न रहे। विज्ञान के अभिशाप होने से उसी युक्ति द्वारा बचा जा सकता है।

निबंध नंबर: 07

विज्ञान वरदान अथवा अभिशाप

Vigyan vardan ya abhishap , विज्ञान और मनुष्य, vigyan aur manushya .

परिवर्तनशील निबन्ध-रूपरेखा संसारे मृत: को वा न जायते।” संस्कृत की इस उक्ति के अनुसार सत्य है, इस संसार में प्रतिक्षण परिवर्तन  होते रहते हैं। वस्तुत: आज संसार  इतनी शीघ्रता से प्रगति कर रहा है कि कल की बातें आज बहुत पुरानी लगती हैं। प्राचीन काल में लोग चन्द्रमा को अर्घ्य चढ़ाते थे, चन्द्रग्रहण  के अवसर पर स्नान-दान आदि करते थे और अब चन्द्रलोक की यात्रा की  योजनाएँ बन रही हैं। दिन-प्रतिदिन नये-नये आविष्कार हो रहे हैं। मनुष्य अपने बुद्धिबल से प्रकृति पर विजय प्राप्त करता जा रहा है। आज के वैज्ञानिकों ने असम्भव को सम्भव और असाध्य को साध्य बना दिया। है।

विज्ञान की उत्पत्ति

सत्रहवीं शताब्दी में पश्चिम के देशों में एक क्रान्ति की लहर-सी दौड़ी। इस लहर में एक ऐसी ज्वाला थी। जिससे देश के देश और राष्ट्र के राष्ट्र चकाचौंध हो उठे तथा आध्यात्मिकता भस्मसात् हो गई। “भूखे भजन न होत कृपाला” के अनुसार सबको रोटी और कपड़े की पड़ी। नये-नये साधनों की खोज। होने लगी। यन्त्रों और कलों का जन्म हुआ। यूरोप की इस औद्योगिक क्रान्ति से सम्पूर्ण विश्व प्रभावित हुआ और विज्ञान की चकाचौंध चारों। ओर फैलने लगी। उन्नीसवीं शताब्दी पहुँचते-पहुँचते विज्ञान उन्नति के शिखर पर पहुँच गया और आज हम अपने चारों ओर विज्ञान के। चकाचौंध कर देने वाले चमत्कारों को देखकर चकित होते हैं। आज जीवन का प्रत्येक क्षेत्र विज्ञान द्वारा ही संचालित है।

काव्य, साहित्य एवं धर्म से विज्ञान की तुलना

मानव का आदिम इतिहास प्रकृति के रहस्यों को देखकर चकित होता रहा है। जब वह प्रकृति के रहस्यों को देखता था, तो उसके हृदय में आश्रम के प्रति श्रद्धा उत्पन्न होती थी और वह विभिन्न देवी-देवताओं की कल्पना करके उनकी अर्चना द्वारा सन्तुष्ट हो जाता था; परन्तु आज का मानव उनको प्राप्त करने का प्रयास विज्ञान के द्वारा करता हैं।

काव्य और विज्ञान

मानव की उन्नति के लिये हृदय-प्रधान काव्य और बुद्धि-प्रधान विज्ञान की समान रूप से आवश्यकता है। एकमात्र काव्य का विकास मनुष्य की भावनाओं को शुद्ध तथा संस्कृत करके उसके हृदय का तो परिष्कार कर सकता है; किन्तु उसकी भौतिक उन्नति में किसी भी प्रकार की सहायता नहीं कर सकता है। इस प्रकार एकमात्र विज्ञान मानव की भौतिक प्रगति तो कर सकता है, परन्तु उसके हृदय को पवित्र करके उसकी आध्यात्मिक उन्नति करने में सर्वथा असमर्थ है। अत: मानव की बहुमुखी प्रगति के लिए दोनों । का समन्वय आवश्यक है।

साहित्य और विज्ञान

साहित्य समाज-रूपी शरीर का हृदय है। और विज्ञान उसका मस्तिष्क है। केवल साहित्य के विकास से मानव की भावनाओं का परिष्कार होकर हदय का विस्तार तो हो सकता है। परन्तु उससे भौतिक सुख की प्राप्ति नहीं हो सकती, जबकि केवल विज्ञान के विकास से मानव की भौतिक उन्नति तो हो सकती है, पर उसका आध्यात्मिक पक्ष उपेक्षित रह जायेगा। मानव समाज के पूर्ण तथा सर्वांगीण विकास के लिए आध्यात्मिक तथा भौतिक दोनों ही प्रकार की उन्नति आवश्यक है। अत: मानव को साहित्य तथा विज्ञान दोनों के ही समुचित विकास तथा स्वस्थ समन्वय का ध्यान रखना पड़ेगा।

धर्म और विज्ञान

धर्म तथा आध्यात्मिकता से रहित विज्ञान मनुष्य को हिंसक तथा स्वार्थी बना देगा और विज्ञान से रहित धर्म मनुष्य को अन्धविश्वासी, ढोंगी तथा पलायनवादी बना देगा। जिस प्रकार मनुष्य को भोजन, वस्त्र, गृह और औषधि आदि सुखकारी वस्तुओं की पूर्ति के लिए विज्ञान की आवश्यकता है, उसी प्रकार जीवन को शान्तिमय तथा सन्तोषपूर्ण बनाने के लिए दया, क्षमा, नम्रता आदि के प्रदायक धर्म की आवश्यकता है। आज दोनों के ही समुचित विकास पर मानव और मानवता का भविष्य निर्भर है।

विज्ञान की देन

विज्ञान ने हमें जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में आश्चर्यकारक सुविधाएँ प्रदान की हैं, जिनके कारण स्वर्ग को धरा पर उतारने की कवि की कल्पना सत्य सिद्ध हो चुकी है। आज विज्ञान ने भगवान् का रूप ले लिया है।

विज्ञान द्वारा भी आज अन्धों को नेत्र, बधिकों को श्रवण और लंगडों को चरण प्राप्त हो रहे हैं। प्लास्टिक सर्जरी द्वारा कुरूपों को रूप मिल जाता है। कुछ लोगों के, तो हृदय परिवर्तन भी हो चुके हैं, जिन क्षेत्रों में विज्ञान ने क्रान्ति उत्पन्न की है. वे निम्न हैं –

  • खाद्य पदार्थों के क्षेत्र में: इसमें अत्यन्त नवीन आविष्कार हुए हैं। नये-नये विटामिनयुक्त भोज्य पदार्थों का आविष्कार हो रहा है। चैकोस्लोवाकिया के वैज्ञानिकों ने ब्लाटन की ‘बेहम-वनस्पति प्रयोगशाला में एक ऐसा आलू पैदा किया है जिसका स्वाद सेब के समान होता है; जिसे कच्चा भी खाया जा सकता है और उबाल कर भी।
  • चिकित्सा के क्षेत्र में: इसमें तो अद्भुत आविष्कार हो चुके हैं। पहले कुक्कुर खाँसी का रोग असाध्य था; किन्तु अब ‘एस्पिरन’ नामक पदार्थ उसके लिए अत्यधिक लाभदायक सिद्ध हुआ है। एक्स-रे मशीन एक दैवी वरदान है जिससे शरीरस्थ औषधि तैयार की जा चुकी है। ऐनसिलीन, क्लोरोमाइसिटिन, रेन्ज (पेट दर्द के लिये) स्प्रो, सारेडन व आवेदन (फ्ल्यू, सरदर्द के लिए) तथा स्ट्रेप्टोमाइसिन, सल्फा आदि औषधियाँ रामबाण के समान लाभदायक हैं।
  • शिक्षा के क्षेत्र में : इसमें प्रेस की सुविधा के कारण आज सभी विषयों की पुस्तकें सुगमता से उपलब्ध हैं। सिनेमा एवं टेलीविजन द्वारा भी शिक्षा का प्रसार किया जा रहा है। अभी हाल में हुई शिक्षक संघ की बैठक में यह विचार किया गया था कि अधिकाधिक मात्रा में चलचित्रों द्वारा ही सुगमता से विद्यार्थियों को शिक्षा दी जाए; जिससे खेल-खेल में वे प्रत्येक विषय को हृदयंगम कर सकें। यदि यह संभव हो गया तो फिर शिक्षा का और प्रसार हो जायेगा।
  • आवास बढ़ती हुई जनसंख्या के लिए एक बड़ी समस्या : इन समस्या के निदान हेतु भूमि के अभाव को कई मंजिले मकान बनाकर दूर किया जा रहा है लिफ्ट द्वारा मनुष्य ऊँची से ऊँची मंजिल पर बटन दबाते ही पहुँच जाता है।
  • उद्योगों के क्षेत्र में : विज्ञान द्वारा निर्मित विशालकाय मशीनों से मानवोपयोगी अनेकानेक अद्भुत वस्तुओं का निर्माण हो रहा है। लाखों श्रमिकों को उद्योगों में काम मिल रहा है।
  • मनोरंजन के क्षेत्र में : यह मानव की मानसिक एवं शारीरिक क्लान्ति को दूर करता है। सबसे महत्त्वपूर्ण मनोरंजन के साधन सिनेमा में ‘सिनेमा स्कोप’ एक नया आविष्कार है। वैज्ञानिक ऐसा प्रयत्न भी कर रहे हैं कि भविष्य में दृश्य पदार्थों की मोहक सुगन्ध भी प्राप्त हो जाया करेगी। रेडियो तथा टेलीविजन को भी मनोरंजन के हेतु विज्ञान ने दिया है।
  • यातायात के क्षेत्रों में : यातायात के साधनों ने विज्ञान द्वारा बड़ी उन्नति की है। फिटफिट, मोटर, रेल, वायुयान, राकेट तथा अपोलो जैसे यानों से थोड़े समय में अधिक यात्रा की जा रही है। जर्मनी में एक ऐसे वायुयान का निर्माण हुआ है जिसमें 400 व्यक्ति यात्रा कर सकते हैं। बर्लिन में एक पानी में चलने वाले अण्डाकार स्कूटर का निर्माण हुआ है जिसकी गति प्रति घण्टा 12 मील है। अमेरिका में हवाई साईकिल बन चुकी है जिसका वजन सौ पौण्ड है।
  • संवाद के क्षेत्र में : इसमें टेलीफोन, टेलीग्राम, टेलीप्रिन्टर, रेडियो, सामाचारपत्र आदि अनेक साधन विकसित हैं जिनके द्वारा हम सैकड़ों में विश्व के समाचारों से अवगत हो जाते हैं।
  • मुद्रण-कला के क्षेत्र में : मुद्रण यंत्रों के प्रसार से अनेक दुर्लभ पुस्तकें सस्ते मूल्य पर सुलभ हो रही हैं।
  • यंत्रों के क्षेत्र में : इस क्षेत्र में भी विज्ञान के आविष्कार अंनन्त हैं। अणु बम और हाइड्रोजन बम तथा प्रक्षेपास्त्रों द्वारा क्षण भर में सैकड़ों मील पर बैठे शत्रु का विनाश किया जा सकता है। नेपाम, अणु, उद्जन जैसे बम, विषैली गैसें, तोपें, बमबारी करने वाले विमान तथा टैंक आदि युद्ध के क्षेत्र में प्रलय, मचा देते हैं।
  • अन्य क्षेत्र : इसी प्रकार इन्जीनियरिंग, परिवार नियोजन आदि के क्षेत्रों में भी विज्ञान ने चमत्कारिक उन्नति की है। इस प्रकार वस्तुत: हम सिर से पैर तक विज्ञान के ऋण में डूबे हैं।

विज्ञान वरदान के रूप में

विज्ञान के रूप में मनुष्य को एक ‘अलाउद्दीन का चिराग’ मिल गया है जिसके द्वारा उनके भाप, विद्युत्, ईथर और अणु आदि पर अधिकार कर लिया है। आज का वैज्ञानिक पुरुष को स्त्री और स्त्री को पुरुष बनाने लगा है। यदि विज्ञान के द्वारा मृतक शरीर में जीवन का संचार सम्भव हो गया, तो मनुष्य स्वयं विधाता बन जायेगा।

रोग-नियन्त्रण

अब अनेक असाध्य रोगों पर विजय प्राप्त कर लेने के कारण लोगों की जीवन-शक्ति बढ़ गई है। प्लेग, हैजा तथा यक्ष्मा जैसी महामारियाँ समाप्त कर दी गई हैं। मलेरिया भी निर्मुल हो गया है।

दुर्भिक्ष निवारण

प्राचीन काल में प्राय: अकालों के कारण लाखों व्यक्ति भूख से तड़प कर मर जाते थे ; किन्तु अब सिंचाई के साधनों से अकाल ही समाप्त प्राय: कर दिया गया है।

वसुधैव कुटुम्बकम् की भावना का उदय

“भय बिन होइन प्रीति’ के अनुसार बम आदि विध्वंसकारी साधनों के भय से एक देश दूसरे देश के साथ भ्रातृत्व की भावना रखता है। आज पृथ्वी सिकुड़ कर एक परिवार बन गई है।

विज्ञान अभिशाप के रूप में

विनाशक यन्त्रों का निर्माण प्रत्येक गुणयुक्त वस्तु दोषों से रहित नहीं होती है। चन्द्रमा में कलंक है और पुष्प काँटों में खिलते हैं। भस्मासुर महादेव से वरदान प्राप्त कर उन्हें ही भस्म करने चला है। इसी प्रकार आज विज्ञान भी मानवता का सर्वनाश करने को उद्यत है। ‘हीरोशिमा’ और ‘नागासाकी’ पर गिराये गये अणुबम इसके प्रमाण है।

यन्त्रों की दासता व बेरोज़गारी

विज्ञान ने मनुष्य को यन्त्रों का दास बना दिया है। एक यन्त्र एक हजार व्यक्ति का कार्य करता है। अत: 999 व्यक्ति एक यन्त्र के निर्माण पर बेरोजगार हो जाते हैं।

आन्तरिक अशान्ति

मनुष्य ब्रह्म रूप से सम्पन्न होने पर भी हृदय से अशान्त है। उसने श्रद्धा के स्थान पर तर्क और ईश्वर के स्थान पर विज्ञान को ही सर्वस्व माना है, जिसके कारण उसे पूर्ण शान्ति नहीं मिल पाती है ।

विज्ञान एक शक्ति है, इसे हम अच्छा या बुरा कुछ भी नहीं कह सकते हैं। इसे हम जिस रूप में चाहें प्रयुक्त कर सकते हैं। जैसा कि शेक्सपियर के भावों द्वारा व्यक्त हुआ है कि संसार में। कोई भी वस्तु बुरी या अच्छी नहीं है, मनुष्य की बुद्धि उसे अपने लिए। हानिकारक या लाभदायक बना लेती है ।

निबंध नंबर : 08

विज्ञान वरदान या अभिशाप

Vigyan Vardan ya Abhishap

धूप-छाँह, रात–दिन की तरह जीवन के हर कार्य के दो पहलू हैं। इसी प्रकार ज्ञान-विज्ञान के भी दो पहलू स्पष्ट देखे और माने जा सकते हैं। आज हम जिस प्रकार का जीवन जी रहे हैं, उसमें कदम-कदम पर विज्ञान के अच्छे-बुरे वरदान या अभिशाप वाले दोनों पहलुओं के दर्शन होते रहते हैं। हम जिस बस पर यात्रा करते हैं, वह ठीक ठाक समय पर हमें हमारे लक्ष्य तक पहँचा देती है, यह विज्ञान का वरदान नहीं तो और क्या है? लेकिन उसी बस से निकलने वाला धुआँ पर्यावरण को दूषित कर वायुमण्डल को दम घोट बना रहा है या वही बस अन्धा-धुंध चलाई जा कर किसी अनजान राही के प्राण ले लेती है उसे टक्कर मारकर। क्या कहेंगे इसे? विज्ञान का अभिशाप ही न।

वरदान के रूप में अन्धेरी रात को दिन के उजाले में बदल देने वाली बिजली जब अचानक किसी बेचारे को छू कर उस के तन का रक्त पानी चूस कर उसे निर्जीव कर देती है, तब वह डायन सरीखी एक भयानक अभिशाप ही तो लगने लगती है। स्पष्ट है कि अच्छाई के साथ लगे बुराई के पुछल्ले की तरह विज्ञान के वरदान के साथ अभिशाप का पुछल्ला भी अवश्य लगा हुआ है। सत्य तो यह है कि विज्ञान की खोजों और आविष्कारों की प्रक्रिया वास्तव में मानवता की भलाई के लिए ही आरम्भ हुई थी। आरम्भ से लेकर आज तक विज्ञान ने मानव-जाति को वह कुछ दिया है कि उसके जीवन क्रम में पूरी तरह बदलाव आ गया है। विज्ञान की सहायता से आज का मानव धरती तो क्या, जल, वायु मण्डल, अन्तरिक्ष और अन्य ग्रहों तक का स्वतंत्र विचरण कर रहा है। वह घर बैठ कर कहीं भी बात-चीत कर सकता है, कहीं के भी दर्शन कर सकता हैं यहाँ तक कि खान-पान, रहन-सहन, पहनना-ओढ़ना तक वैज्ञानिक हो गया है। विज्ञान की सहायता से वह तन का रक्त जमा देने वाली ठण्ड और झुलसा देने वाली गर्मी में रह सकता है। इस सब को वरदान ही तो कहा जाएगा आधुनिक विज्ञान का।

दूसरी तरफ उनकी बनाई सभी वरदानी वस्तुए क्षण भर में प्राण भी ले सकती हैं। उनके अतिरिक्त आज जो भयानकतम मारक शस्त्राशस्त्र बन गए हैं, जैविक और रासायनिक शस्त्रों का निर्माण किया जा रहा है, युद्ध की जो नई प्रणालियाँ विकसित की जा रही हैं, उनके द्वारा कुछ ही क्षणों में धरती पर से मनुष्यता क्या सारी वनस्पतियों, नदियों-पहाड़ों तक का नाम मिटाया जा सकता है। इस विवेचन से स्पष्ट है कि अपनी खोजों से वरदान रूप में मानव को विज्ञान जितना कुछ दे रहा है, उस से कहीं अधिक तेजी से अपना अभिशाप बरसा सर्वस्व ले भी सकता है। सो विज्ञान वरदान तो है, उससे कहीं बड़ा अभिशाप भी है, इसमें तनिक संदेह नहीं।

निबंध नंबर : 09

Vigyan-Vardan ya Abhishap

एक वरदान-आकेडियन फरार लिखते हैं- “विज्ञान ने अंधों को आँखें दी हैं और बहरों को सुनने की शक्ति। पने जीवन को दीर्घ बना दिया है, भय को कम कर दिया है। उसने पागलपन को वश में कर लिया है और रोग को रोद डाला के” यह उक्ति सत्य है। विज्ञान की सहायता से असाध्य रोगों के इलाज ढूँढ लिए गए हैं। कई बीमारियों को समूल नष्ट कर दिया गया है।

रसोई-घर से लेकर मुर्दाघर तक सब जगह विज्ञान ने वरदान ही वरदान बाँटे हैं। विज्ञान की सहायता से पूरी दुनिया एक परिवार बन गई है। जब चाहे, तब मनुष्य अपने प्रियजनों से बात कर सकता है। घंटे भर में दनिया का चक्कर लगा सकता है। सैकेंडों में दुनिया भर को कोई संदेश दिया जा सकता है।

विज्ञान ने दूरदर्शन, रेडियो, वीडियो, आडियो, चलचित्र आदि के द्वारा मनष्य के नीरस जीवन को सरस बना दिया है। जौबीसों घंटे चलने वाले कार्यक्रम, नए-नए सुंदर सुस्वादु व्यंजन, सुखदायक रंगीन वस्त्र, सौंदर्य-बर्द्धक साधन विज्ञान की ही देन है।

विज्ञान का सबसे बड़ा खतरा है-पर्यावरण-प्रदूषण। इसके कारण आज शहरों में साँस लेना दूभर हो गया है। हर जगह शोर, गंदगी और बीमारियों का साम्राज्य-सा फैल गया है। कृत्रिम खादों, दवाइयों के कारण भूमि से उत्पन्न अन्न-फल तक दूषित हो गए हैं।

विज्ञान की सहायता से मनुष्य ने खतरनाक बम बना लिए हैं। इससे अनेक बार विषैली गैसें तथा रेडियोधर्मी किरणें विकीर्ण हो चुकी हैं। भोपाल गैस कांड और ओजोन गैस की परत का फटना इसके ज्वलंत उदाहरण हैं। यातायात की तेज गति के कारण भी मौतें होने लगी हैं। लोगों के शरीर पंगु होने लगे हैं। ये सब जीवन पर अभिशाप हैं। विज्ञान ने मनुष्य को बेरोजगार बना दिया है। सैकड़ों आदमियों का काम करने वाली मशीनों ने कारीगरों के हाथ बेकार कर दिए हैं।

सच बात यह है कि विज्ञान के सदुपयोग या दुरुपयोग को ही वरदान या अभिशाप कहते हैं। विज्ञान का संतुलित उपयोग जीवनदायी है। उसका अंधाधुंध दुरुपयोग विनाशकारी है।

निबंध नंबर : 10

  • दैनिक जीवन में विज्ञान का महत्त्व ।
  • समय व काल की दूरी को मिटाने वाला।
  • जीवन के हर क्षेत्र में पकड़।
  • विज्ञान का विनाशकारी रूप।

जीवन का कोई क्षेत्र ऐसा नहीं जहाँ विज्ञान ने अपने चरण न धरे हों। दैनिक जीवन को अत्यंत सरल व सखमय बनाने के साथ-साथ संचार, यातायात, चिकित्सा, मनोरंजन, जीविकोपार्जन आदि के जो साधन आज उपलब्ध हैं उनकी कभी हमारे पूर्वजों ने कल्पना तक न की होगी। मानव ने विज्ञान के माध्यम से जल-थल और आकाश की सभी शक्तियों पर नियंत्रण पाकर उन्हें अपने लिए उपयोगी बना लिया है। समय और काल की दूरी को मिटा दिया है। सारी दुनिया को एक परिवार के दायरे में समेट दिया है। संचार माध्यम इतने प्रभावी हो गए हैं कि हजारों मील दूर बैठे व्यक्ति से, आप केवल बात ही नहीं कर सकते अपितु उसे बात करते सामने देख भी सकते हैं। यातायात इतना सुगम हो गया है कि मीलों की दूरी की बात तो दूर, एक महाद्वीप से दूसरे महाद्वीप तक पहुँचने में भी समय नहीं लगता। चिकित्सा के क्षेत्र में विज्ञान ने जहाँ मृत्युदर को कम किया है वहीं अनेक असाध्य रोगों पर विजय पाई है। मनोरंजन के लिए सिनेमा, वीडियो, रेडियो, टी वी केबल पर मनपसंद कार्यक्रम और न जाने क्या क्या! चौबीसों घंटे जब खाली हों तब अपनी थकान उतारें। यह है विज्ञान का कमाल।  सजने-सँवरने के लिए बढ़िया कपड़ा, शृंगार-सामग्री व सुंदर बनाने की तकनीक व प्रसाधन क्या यह सब वर्ग की साकार कल्पना से प्रतीत नहीं होते? रही-सही कसर पूरी कर रहा है कंप्यूटर। पलभर में जमा-घटा, जोड़-हिसाब, नई-नई जानकारी अपनी कल्पना के अनेक रूपाकार बिल्डिंगों की संरचना या आयुधों की संरचना की विशिष्ट जानकारी अर्थात मानव मेधा का सर्वोत्कृष्ट रूप है कंप्यूटर। आपको माथापच्ची करने की कोई आवश्यकता नहीं, अपने सभी दिमागी काम कंप्यूटर पर छोड़ निश्चिंत हो जाइए। निश्चय ही विज्ञान ने मानव के हाथों में अपरिमित शक्ति सौंप दी है। उसके जीवन यथा संपूर्ण धरा को स्वर्ग तुल्य बना दिया है। परंतु इस असीमित शक्ति ने आदमी का चैन छीन लिया है और वह दिन-रात न जाने कहाँ दौड़ता चला जा रहा है अपनों से दूर, इंसानियत से दर। अत्यंत स्वार्थी व निर्भय बना वह इंसान को इंसान भी नहीं समझता। शांति के नाम पर एकत्र किया गया गोला-बारूद न जाने कब फट पड़े। इसलिए हम आशा करते हैं कि आदमी के विवेक पर विज्ञान हावी न होने पाए। मनष्य विज्ञान का दास न बनकर उसका स्वामी ही बना रहे तभी यह वरदान है नहीं तो यह अभिशाप है।

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Please write essay for class 6 standard

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Thanks for this eassy

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Please when you write essay in hindi next time please do note that 100 words essay are there not .please do for it the next time.and consider this as your feedback from my side. …..grace…

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विज्ञान – वरदान या अभिशाप.

Vigyan – Vardan ya Abhishap

निबंध नंबर :- 01

विज्ञान वरदान है या अभिशाप यह एक ऐसा प्रश्न है जिसका उत्तर देना आसान नहीं है क्योंकि मनुष्य ने अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए विज्ञान को साधन बनाकर अनेक प्रकार के आविष्कार किए और अपने स्वार्थों के कारण उसका दुरुपयोग करते हुए उसे अभिशाप बना दिया। जिस तरह शक्ति को लाभदायक या हानिकारक, क्या है नहीं कहा जा सकता। उसी तरह विज्ञान वरदान है या अभिशाप यह कहना कठिन है। विज्ञान तो एक शक्ति है, जो जीवन रक्षक भी है और जीवन भक्षक भी। आर्केडियन फ़रार लिखते हैं- “विज्ञान ने अँधों को आँखें दी हैं और बहरों को सुनने की शक्ति। उसने जीवन को दीर्घ बना दिया है, भय को कम कर दिया है। उसने पागलपन को वश में कर लिया है और रोग को रौंद डाला है।” यह उचित सत्य है। विज्ञान की सहायता से चिकित्सा के क्षेत्र में महत्त्वपूर्ण वरदान प्राप्त हुए हैं। असाध्य रोगों के इलाज ढूँढ लिए गए हैं। कई बीमारियों को समूल नष्ट कर दिया गया है। लूले-लँगड़ों को नए अंग तक लगाने का प्रबंध किया गया है। आँखें, फेफड़े तथा खून तक बदलने की व्यवस्था हो गई है। अकाल मृत्युदर कम कर ली गई है। आयु दीर्घ और जीवन स्वस्थ तथा सुंदर बना दिया गया है। विज्ञान ने दूरदर्शन, रेडियो, आडियो, चलचित्र आदि के द्वारा मनुष्य के नीरस जीवन को रसीला बना दिया है। चौबीसों घंटे चलने वाले कार्यक्रम, रसीले व्यंजन, रंगीन और काफ़ी दिनों तक चलने वाले मनभावने वस्त्र, सौंदर्यवर्धक साधन आदि के साथ-साथ बहुमंजिली इमारतें, भवन, विविध यंत्र आदि के निर्माण से जीवन को सुखद बना दिया है। खेल, कृषि, व्यवसाय हर एक क्षेत्र में विज्ञान का बोलबाला है। इसके अभिशाप होने की सूची चाहे लंबी नहीं है लेकिन खतरनाक अवश्य है। पर्यावरण प्रदूषण आज की ज्वलंत समस्या विज्ञान की ही देन है। अत्यधिक उत्पादन, अत्यधिक औद्योगीकरण, प्रकति से छेड़छाड़, शहरीकरण विज्ञान की ही देन है जिस कारण शहरों और गाँवों का प्राकृतिक रूप बिगड़ रहा है। प्रदूषण की बढ़ती समस्या से शुद्ध हवा का मिलना दूभर हो गया है। अनेक प्रकार की बीमारियों का साम्राज्य फैल रहा है। कृत्रिम खाद के प्रयोग से साग-सब्जी, फल आदि दूषित हो रहे हैं। विज्ञान के आधार पर ऐसे-ऐसे ख़तरनाक बम तैयार कर लिये गए हैं कि सारी धरती के प्राणी एक बम के चलने से नष्ट हो सकते हैं। आज का वैज्ञानिक मानव स्वार्थी छली, कपटी एवं विलासी हो गया है। मानवीय गुणों से उसका नाता टूट रहा है। वह स्वयं की धरती का मसीहा समझने की भूल कर रहा है। विज्ञान द्वारा मिले साधनों से वह आलसी, निकम्मा और बेकार हा गया है। उसकी यह बेकारी उसकी जाति के विकास एवं उत्थान के लिए खतरनाक है। सच बात तो यह है कि जब कि मनुष्य विज्ञान का सदुपयोग करेगा तब तक विज्ञान उसके लिए वरदान बना रहेगा, लेकिन उसका दुरुपयोग उसके। लिए अभिशाप बन कर उसका समूल नष्ट कर देगा। विज्ञान तो मनुष्य के लिए भस्मासुरी वरदान है। जब तक सूझ-बूझ से मनुष्य विज्ञान का उपयोग करेगा तब तक कल्पवृक्ष की तरह विज्ञान उसे फल देगा, अन्यथा कब धरती पर से प्राणी-लीला समाप्त हो जाए कहा नहीं जा सकता।

निबंध नंबर :- 02

विज्ञान – एक वरदान या अभिशाप

Vigyan Ek Vardan ya Abhishap

विज्ञान ने हमें जीवन के हर क्षेत्र में आश्चर्यजनक सुविधाएँ प्रदान की हैं, जिनके कारण स्वर्ग को धरती पर उतारने की कवि की कल्पना साकार हो चुकी है। विज्ञान के द्वारा आज अंधों को आँखें, बहरों को कान और लंगड़ों को पाँव प्राप्त हो रहे हैं। प्लास्टिक सर्जरी द्वारा कुरूपों का रूप मिल जाता है। चिकित्सा क्षेत्र में एक्स-रे यंत्र एक वरदान ही है जिसक द्वारा शरीर के गुप्त रोगों का पूर्ण ज्ञान हो जाता है और असाध्य रोगा क निवारण के लिए ऐसी औषधियाँ बन चकी हैं जो रामबाण के समान लाभदायक हैं।

शिक्षा के क्षेत्र में मुद्रण कला (छपाई) एवं कंप्यूटर की की सुविधा से सभी प्रकार की पुस्तकें सुगमता से उपलब्ध हैं। चलचित्र एवं दर्शन द्वारा शिक्षा का प्रसार किया जा रहा है। लिफ्ट के माध्यम से मी बटन दबाते ही ऊँची से ऊँची मंज़िल पर पहुँच जाता है। मनोरंजन क्षेत्र में भी विज्ञान ने रेडियो ट्रांजिस्टर, दूरदर्शन, वी.सी.आर. आदि साधन दिए हैं। इसके अलावा विज्ञान ने टेलीग्राम और टेलीप्रिंटर जैसे अनेक ऐसे साधन विकसित किए हैं जिनके द्वारा हम सैकंडों में विश्व भर के समाचारों से अवगत हो जाते हैं।

यातायात के साधनों में विज्ञान द्वारा बड़ी प्रगति हुई है। मोटरसाइकिल, स्कूटर, कार, बस, रेल, हवाई जहाज़, जैसे यानों से थोड़े समय में अधिक यात्रा की जा रही है। इनके अलावा सिलाई मशीन, कपड़े धोने की मशीन, रेफ्रीजरेटर, कूलर, ए.सी., हीटर, गीज़र और गैस चूल्हों आदि ने दैनिक कार्यों में बहुत सुविधा प्रदान की है।

युद्ध के क्षेत्र में भी विज्ञान के अनेकों आविष्कार हैं। अणु बम, हाइड्रोजन बम तथा प्रक्षेपणास्त्रों द्वारा पल भर में सैकड़ों मील दूर बैठे शत्रु का विनाश किया जा सकता है। इसके अलावा विषैली गैसें, तोपें, बमबारी करने वाले विमान, युद्धपोत और टैंक आदि युद्ध के क्षेत्र में प्रलय कर देने वाले साधन हैं। वस्तुत: आज हम सिर से पाँव तक विज्ञान के ऋणी हैं।

आज विज्ञान बेशक मनुष्य के लिए अलाउद्दीन का चिराग हो, परंतु अनेक प्रकार के विध्वंसक परमाणु बम, तोपें, बंदूकें और अन्य अस्त्र-शस्त्रों के आविष्कार ने विज्ञान को मानव के लिए अभिशाप भी बना दिया है। विज्ञान तभी एक वरदान है, जब वह मनुष्य के लिए हितकारी है, परंतु जब वह उसका विध्वंस करेगा तो विज्ञान उसके लिए अभिशाप बन जाएगा। इसलिए विज्ञान का उपयोग सदैव इस दुनिया और मानव के कल्याण के लिए किया जाना चाहिए।

निबंध नंबर :- 03

आवश्यकता आविष्कार की जननी है। अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु मानव सतत प्रयत्नशील रहता है। इन प्रयासों में नित नये वैज्ञानिक आविष्कारों का प्रादुर्भाव होता है, जो कभी हमारे लिये वरदान बनकर खुशियों की सौगात लाते हैं, तो कभी अभिशाप बन कर हम पर कहर ढाते हैं।

जहाँ पहले मनुष्य बैलगाड़ी पर चलता था, आज मोटर-कार, रेल और वायुयान से सफर करता है। सिनेमा का स्थान दूरदर्शन ने लिया है। विद्यत शक्ति के आविष्कार से हमें ग्रीष्म ऋतु में शीत का और शीत ऋतु में ग्रीष्म का आनंद प्राप्त होता है। रेडियो और दूरदर्शन मनोरंजन और ज्ञान-विज्ञान की जानकारियों के स्रोत बन गये हैं।

चिकित्सा के क्षेत्र में सी.टी. स्कैन द्वारा शरीर के अंदरूनी अंगों की जानकारी मिलने लगी है। आज असाध्य रोगों पर विजय प्राप्त की जा रही है। विज्ञान ने पशुओं के हूबहू प्रतिरूप ‘क्लोन’ निर्मित कर अद्भुत कार्य किया है। कोई आश्चर्य नहीं कि आने वाले समय में विद्वान जनों के क्लोन निर्मित कर उन्हें हमेशा जीवित रखा जा सके। – कम्प्यूटर के आविष्कार ने मानव की जीवन-शैली में आमूल-चूल परिवर्तन कर दिया है। जीवन के हर क्षेत्र में आज कम्प्यूटर का हस्तक्षेप है। इंटरनेट के द्वारा हम घर बैठे किसी भी विषय, घटना, तकनीक आदि की जानकारी क्षण भर में प्राप्त कर सकते हैं या अन्यत्र भेज सकते हैं। कदम-कदम पर विज्ञान ने मनुष्य को सुखसुविधायें प्रदान की हैं।

प्रत्येक अच्छाई में बुराई भी समाविष्ट रहती है। वैज्ञानिक आविष्कार जहाँ मानव जाति के लिये वरदान सिद्ध हो रहे हैं, वहीं उनका दुरुपयोग अभिशाप बन कर दःख बरसा रहे हैं। अग्नि का प्रयोग भोजन पकाने में किया जा सकता है और आगजनी द्वारा गाड़ियों, भवनों एवं मूल्यवान सम्पत्तियों को व्यर्थ नष्ट करने में भी किया जा सकता है।

इसमें विज्ञान का दोष नहीं है। दोष है मानव की कलुषित विचारधाराओं का। यदि वैज्ञानिक उपलब्धियों का उपयोग रचनात्मक कार्यों में किया जाता है, तो विज्ञान वरदान है और यदि विध्वंसात्मक कार्यों में किया जाता है, तो विज्ञान अभिशाप बन सकता है।

वास्तव में विज्ञान का अभ्युदय मानव जाति के कल्याण के लिये हुआ है, किन्तु आज विज्ञान हमें विपरीत दिशा की ओर ले जा रहा है। मशीनों के आविष्कारों से उत्पादन तो बढ़ा, किन्तु हमारे कुटीर उद्योग समाप्त हो गये। फलतः बेरोजगारी की समस्या ने विकराल रूप धारण कर लिया। 

चिकित्सा से रोगों पर नियंत्रण हुआ, पर जनसंख्या वृद्धि की समस्या मुँह बाये खड़ी हो गई। अणुबम और उद्जन बमों के प्रयोग का भय विश्व में तनाव पैदा कर रहा है। लोग आज भी हिरोशिमा और नागासाकी पर हुए अणु बमों के हमले की विभीषिका से जूझ रहे हैं।

विज्ञान को अभिशाप बनाने का दायित्व उन राजनीतिज्ञों पर है, जो स्वार्थलिप्सा एवं कलुषित भावनाओं से प्रेरित हैं। आवश्यकता इस बात की है कि राजनीतिज्ञों में सद्वृत्तियों का आविर्भाव किया जावे, जिससे वे अपनी साम्राज्यवादी मनोवृत्ति का परित्याग करें। साथ ही सामान्य लोगों में भी भौतिक विकास के साथसाथ आध्यात्मिक विकास भी हो, जिससे समस्त मानव जाति में सद्भावना एवं भाईचारे की भावना जागृत हो सके। तभी विज्ञान मानव के लिये वरदान सिद्ध हो सकता है।

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विज्ञान वरदान या अभिशाप पर निबंध

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रूपरेखा : परिचय - विज्ञान के कुछ शानदार उपहार - यातायात की सुविधाएँ - मनोरंजन, आदि कई क्षेत्रों में योगदान - सुरक्षा संबंधी कई अविष्कार - उपसंहार।

विज्ञान मानव के लिए किसी चमत्कार से काम नहीं है। आज का युग में विज्ञान इतना तरक्की कर लिया है की हमे ये कह सकते है की आज का युग विज्ञान का ही युग हैं। जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में विज्ञान ने खूब तरक्की कर ली है। विज्ञान मानव-कल्याण का एक नेत्र है जो मानव-कल्याण की चिंता में लीन है।

दुनिया में बिजली की खोज कर विज्ञान ने बहुत बड़ी सफलता प्राप्त कर ली है। बिजली ही है जो आज कई के घर भोजन पकाती है, बिना झाड़ू लगाए कमरा साफ़ कर देती है, पंखा चलाती है, घर में प्रकाश देती है। अनेक फैक्ट्री- कारखाने उसी की शक्ति से चलते हैं। आज हमारे अधिकतर काम बिजली पर ही निर्भर हैं। सचमुच, बिजली का आविष्कार आज के युग में किसी चमत्कार से काम नहीं है।

विज्ञान विश्व में यातायात की सुविधाएँ प्रदान कर विश्व को और भी छोटा बना दिया है। रेल, मेट्रो, मोटर जलयानों और हवाई जहाजों के जरिए आज हम हजारों किलोमीटर की यात्रा कुछ घंटो में ही कर सकते हैं। समाचार या प्रसारण वैज्ञानिक आविष्कार भी अदभुत हैं। रेडियो , दूरदर्शन, टेलीफोन एवं मोबाइल की करामात सब जानते ही हैं। ई-मेल तथा मोबाइल के द्वारा पलभर में विश्व के किसी भी कोने में अपना संदेश भेजे जा सकते हैं।

रेडियो और दूरदर्शन से काफी मनोरंजन मिलता है। सिनेमा विज्ञान की अदभुत देन है। इसका उपयोग मनोरंजन के साथ शिक्षा के लिए भी होता है। दूरदर्शन द्वारा देश-विदेश के तस्वीरों को हम घर बैठे देख सकते हैं। वीडियो द्वारा तो हम जब चाहें मनपसंद फिल्म या अन्य कार्यक्रम देख सकते हैं। चिकित्सा के क्षेत्र में वैज्ञानिक चमत्कारों ने आमूल परिवर्तन कर दिया है। एक्स-रे द्वारा शरीर के भीतरी भागों की छानबीन की जा सकती है। विज्ञान द्वारा आज पेचीदा और भयंकर रोगों का इलाज तथा उपचार संभव हो गया है। नए-नए प्रकार के हल, ट्रैक्टर, काटने-छाँटने के यंत्र आदि विज्ञान के कृषि-संबंधी आविष्कार हैं। विज्ञान के अन्य चमत्कारों में मुद्रणयंत्र मुख्य है। ज्ञान के प्रचार और प्रसार में इससे बहुत सहायता मिली है। सचमुच, विज्ञान मनुष्य के लिए किसी वरदान ने काम नहीं हैं।

सुरक्षा-संबंधी अनेक प्रकार के अस्त्र-शस्त्रों के आविष्कारों ने विज्ञान को अभिशाप बना दिया है। इनके कारण हमारी सभ्यता और संस्कृति खतरे में पड़ गई है। परमाणु बम और हाइड्रोजन बम भी विज्ञान की ही देन हैं। मनुष्य को असंतुलन कर देने वाली विषैली गैस भी विज्ञान के द्वारा ही खोज की गई हैं। विज्ञान के ये खतरनाक आविष्कार मनुष्य जाति के लिए अभिशाप बन गया हैं।

सचमुच, विज्ञान के चमत्कार आश्चर्यजनक हैं। विज्ञान मानव जाति के लिए वरदान बन सकता है, यदि उसका उपयोग मानवहित के लिए किया जाए। आज विज्ञान पुरे विश्व में असंभव कार्य को भी संभव बना दिया है।

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